PM Modi ने शेयर किया बुकलेट, कहा- कृषि कानून समझने में होगी आसानी

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) का कहना है कि वह वार्ता के लिए तैयार है लेकिन किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों (Agricultural Law) को रद्द किया जाए उसके बाद ही बातचीत मुमकिन है।

PM Modi Shares Graphics Booklets: कृषि कानूनों (Agricultural Law) के खिलाफ दिल्ली के नाकों पर किसानों का आज 24 दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों की तादाद में किसान आंदोलन के लिए डटे हुए हैं। वही दूसरी ओर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) का कहना है कि वह वार्ता के लिए तैयार है लेकिन किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों (Agricultural Law) को रद्द किया जाए उसके बाद ही बातचीत मुमकिन है। इस बीच, सरकार की तरफ से किसानों को यह बताने-जताने की कोशिश जारी है कि तीनों कृषि कानून उनके हित में हैं। बीजेपी के तमाम नेता, केंद्रीय मंत्री कृषि कानूनों के पक्ष में वकालत कर रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भरोसा दिला रहे हैं कि ये बिल उनके हित में है।

प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को एक ट्वीट किया जिसमें ग्राफिक्स और बुकलेट के जरिये कृषि कानूनों के बारे में बताया गया है। पीएम ने लिखा, ‘ग्राफिक्स और बुकलेट सहित बहुत सी सामग्री है, जो हाल ही में कृषि-सुधार हमारे किसानों की मदद करने के बारे में विस्तार से बताते हैं। यह NaMo ऐप वॉलंटियर मॉड्यूल को डाउनलोड किया जा सकता है। इसे पढ़ें और शेयर करें.’

ये भी पढ़े: Uttar Pradesh के नाराज BJP विधायक बृजभूषण राजपूत ने लौटाई अपनी सुरक्षा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

PM Narendra Modi Shares Graphics Booklets

पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर भी ट्वीट किया। पीएम ने कहा,’श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस और करुणा का प्रतीक है। शहीदी दिवस पर मैं महान श्री गुरु तेग बहादुर जी को नमन करता हूं और एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के लिए उनके दृष्टिकोण को याद करता हूं.’

इससे पहले किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि नए साल से पहले इस मामले में कोई समाधान हो जाएगा। वहीं इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने समाधान के लिए एक समिति बनाने, केंद्र सरकार को अस्थाई तौर पर कृषि कानूनों को अमल में न लाने की सलाह दी थी। वही देश में लोग कुछ किसानों के समर्थन में नजर आ रहे है तो कुछ डट कर विरोध भी कर रहे है।

ताज़ा ख़बरें