Shekhar Kapur की Bandit Queen से मिला बड़ा ब्रेक, Kallu Mama बन Saurabh Shukla ने बड़े बड़े शूरमाओं को दी थी कड़ी टक्कर फिर भी 10 साल तक किया था कड़ा संघर्ष

सत्या में निभाए कल्लू मामा के किरदार ने सौरभ शुक्ला को काफी मशहूर कर दिया था लेकिन बावजूद इसके कई सालों तक कोई बड़ा काम व फिल्म सौरभ को नहीं मिली थी

Saurabh Shukla Unknown Facts: हिंदी सिनेमा में कुछ कलाकार ऐसे हैं। जिन्होने फिल्मों में हीरो बनने का फलसफा ही चेंज कर दिया है। एक जमाना था, जब हीरो बनने के लिए हैंडसम होना जरूरी था, पर ओमपुरी,नसीरूद्दीन शाह,नवाजुद्दीन सिद्दीकी,राजपाल यादव और सौरभ शुक्ला जैसे कई ऐसे अभिनेता हैं। जिन्होने इस परंपरा को तोड़ मायानगरी में अपना एक अलग मुकाम बनाया है। वो अलग बात है कि इसके लिए इन सभी को कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। पर इन्होने अपने अभिनय से ये साबित कर दिया है कि वो बड़े बड़े अभिनेताओं को टक्कर दे सकते हैं। इन्ही अभिनेताओं में से एक हैं सौरभ शुक्ला। जो आज अपना 61वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहे हैं। इस मौके जानते हैं अभिनेता के फिल्मी सफर का अब तक का अनुभव कैसा रहा है और फिल्मों में उन्हे कैसे और कब ब्रेक मिला।

सौरभ शुक्ला ने इस बारे में लहरें से खास मुलाकात में अपने जीवन व फिल्मी सफर पर विस्तार से बातें की थी। लहरें को दिए उसी इंटरव्यू के हवाले से कुछ बातें अभिनेता के जन्मदिन पर शेयर करना चाहता हूं, इस उम्मीद के साथ कि आप अभिनेता के बारें में ये बातें जरूर जानना चाहेंगे। सौरभ शुक्ला का जन्म 5 मार्च 1963 को यूपी के गोरखपुर जिले में हुआ था। सौरभ शुक्ला का परिवार गोरखपुर छोड़ दिल्ली में बस गया जब सौरभ सिर्फ दो साल के थे। ऐसे में सौरभ शुक्ला की शिक्षा दिल्ली में ही हुई और यहीं से उन्होने अपने एक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए थिएटर करना शुरू किया और बाद में एनएसडी से भी जुड़ गए। यहीं काम करते हुए सौरभ शुक्ला पर शेखर कपूर व विजय आनंद जैसे फिल्म मेकरों की पड़ी और सौरभ को फिर इन दोनों ने ब्रेक दिया।

विजय आनंद के साथ सौरभ ने तहकीकात टीवी सीरियल में काम किया और इसके बाद शेखर कपूर की बैंडिट क्वीन में ब्रेक मिला। लेकिन सौरभ शुक्ला को राम गोपाल वर्मा की सत्या से प्रसिध्दि मिली। जिसमें सौरभ शुक्ला ने कल्लू मामा का किरदार निभाया था और इस फिल्म के सह लेखक भी सौरभ शुक्ला थे। उन्होने राम गोपाल वर्मा के साथ मिलकर सत्या को लिखा था। राम गोपाल वर्मा सौरभ के काम से काफी खुश थे। लहरें को दिए खास इंटरव्यू में सौरभ ने बताया कि जब उन्हे इस फिल्म के लिए राम गोपाल वर्मा ने बुलाया था तो उनके मन में इस फिल्म के लिए काम करने की इच्छा नहीं थी। वो समझ रहे थे कि रामू उन्हे लिखने का काम देंगे, जो वो तब करना नहीं चाह रहे थे।

सौरभ आगे बताते हैं कि राम गोपाल वर्मा से बातचीत के बाद जब उन्हे पता चला कि इस फिल्म में वो रोल भी कर रहे हैं। तब सौरभ ने इस फिल्म को लिखा और अपने किरदार को इंटरवल के ठीक पहले लाकर इंट्रोड्यूस किया। सौरभ के इस अप्रोच से रामू बहुत इंप्रेस हुए थे। सौरभ पर ये भी आरोप लगता है कि उन्होने अपने दोस्त मनोज बाजपेई के लिए सत्या में काफी अच्छा रोल क्रिएट किया था। पर लहरें से बातचीत में सौरभ शुक्ला ने इसे नकार दिया था। सत्या में निभाए कल्लू मामा के किरदार ने सौरभ शुक्ला को काफी मशहूर कर दिया था लेकिन बावजूद इसके कई सालों तक कोई बड़ा काम व फिल्म सौरभ को नहीं मिली थी। लहरें से बातचीत में सौरभ ने फिर जॉली एलएलबी और मुन्ना भाई एमबीबीएस व पीके में निभाए अपने किरदार के बारे में भी बात की और ये भी बताया कि उन्हे ज्योतिष में तनिक भी भरोसा नहीं है।

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