Madhubala व Nargis नहीं, ये थी हिंदी सिनेमा में Jubilee Girl के नाम से मशहूर पहली फीमेल सुपरस्टार

मुमताज़ शांती भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण शख्सियत हैं, जिन्हें 'पहली जुबली गर्ल' के तौर पर जाना जाता है

Mumtaz Shanti: A Trailblazer In Indian Cinema: मुमताज़ शांती भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण शख्सियत हैं, जिन्हें ‘पहली जुबली गर्ल’ के तौर पर जाना जाता है। उनका नाम भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक नए युग की शुरुआत के रूप में लिया जाता है, जहाँ उनके अभिनय और आकर्षण ने दर्शकों का दिल जीता और सिनेमा की दुनिया में उनकी स्थायी जगह बनाई। मुमताज़ शांती का जन्म 1926 में हुआ था, और उनका वास्तविक नाम मुमताज़ बेगम था। वे एक पंजाबी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती थीं और बचपन से ही अभिनय के प्रति उनका आकर्षण था।

मुमताज़ ने अपनी करियर की शुरुआत बाल कलाकार के तौर पर की थी, लेकिन जल्दी ही उनकी प्रतिभा को पहचाना गया और उन्हें प्रमुख भूमिका में अभिनय करने का मौका मिला। मुमताज़ शांती ने 30 के दशक के अंत में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। उनका अभिनय कौशल और प्राकृतिक आकर्षण उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाने में मददगार साबित हुआ। लेकिन उनका असली स्टारडम तब आया जब वे फिल्म “बसंत” (1942) में मुख्य भूमिका में नजर आईं। इस फिल्म ने उनके करियर को एक नई दिशा दी और उन्होंने खुद को फिल्म इंडस्ट्री के एक अहम हिस्से के रूप में स्थापित किया। बसंत सिनेमा घरों में 76 वीक चली थी और मजेदार बात ये थी कि मुमताज़ शांती की उम्र उस समय केवल 16 साल की थी।

जुबली गर्ल का खिताब:

‘जुबली गर्ल’ का खिताब उस समय के सिनेमा में एक बड़ा सम्मान था और मुमताज़ शांती को यह सम्मान उनके करियर के महत्वपूर्ण मोड़ पर मिला। 1943 में अशोक कुमार के साथ मुमताज़ शांती की फिल्म किस्मत रिलीज हुई थी। जो उस समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी। किस्मत के वक्त मुमताज़ शांती की उम्र 17 साल की थी और किस्मत भी सुपरहिट फिल्म साबित हुई। मुमताज़ की चार लगातार फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनाई और फिर मुमताज़ शांती को लोग जुबली गर्ल के नाम से पुकारने लगे। इस तरह मुमताज़ शांती 17 साल की उम्र में हिंदी सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार बन गई थी। तब ना तो मधुबाला थी और ना ही नरगिस। इसी साल बदलती दुनिया नाम की फिल्म भी रिलीज हुई थी। ये भी हिट साबित हुई थी। 40 के दशक के दौरान, मुमताज़ ने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें उनका नाम जुबली गर्ल के तौर पर स्थापित हुआ। उनका फिल्म में होना एक गारंटी बन चुका था कि वह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल करेगी। किस्मत सिर्फ 2 लाख के बजट में बनी फिल्म थी। जिसने बॉक्स ऑफिस पर उस समय 1 करोड़ 65 लाख की कमाई कर एक नया इतिहास रच दिया था।कुछ दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर भी मुमताज़ शांती पर लिखा आर्टिकल वायरल हो रहा था

Not Madhubala or Nargis, India’s first female superstar was a 16-year-old: ‘Jubilee Girl’ quit films at 26, left India !!
byu/Your_Friendly_Panda inBollyBlindsNGossip

प्रमुख फिल्में और योगदान:

मुमताज़ शांती की कुछ प्रमुख फिल्मों में “बसंत”, “बदलती दुनिया”, “किस्मत”, “दिलीप कुमार के साथ घर की इज्ज़त” और आहूती शामिल हैं। उनकी फिल्मों में एक विशिष्ट शैली और प्रभावशाली अभिनय था, जो उन्हें अपने समकालीन अभिनेत्रियों से अलग करता था। उनकी फिल्मों में एक नयापन था, और वे न केवल अपने अभिनय से बल्कि अपनी स्क्रीन प्रेजेंस से भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती थीं। 2021 की टॉप मोस्ट वाच्ड फिल्मों में मुमताज़ शांती की बसंत और किस्मत फिल्में भी शामिल थी। इन फिल्मों की सफलता का रिकॉर्ड बाद में शोले और दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे ने तोड़ा था।

जीवन का प्रभाव और विरासत:

मुमताज़ शांती का अभिनय भारतीय सिनेमा में एक बेंचमार्क के रूप में देखा जाता है। उनका काम आज भी नए कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने न केवल अपनी भूमिका से अभिनय की नई परिभाषा दी, बल्कि अपने संघर्षों और कड़ी मेहनत के जरिए यह भी साबित किया कि अभिनेत्री का स्थान केवल रोमांटिक या सहायक पात्र तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह मुख्य भूमिका में भी सशक्त और प्रभावशाली हो सकती है। मुमताज़ शांती ने अपनी पहली हिट फिल्म 16 साल की उम्र में दिया था और फिर 26 साल की उम्र में उन्होने बंटवारे के बाद भारत छोड़ दिया। मुमताज़ शांती ने फिल्ममेकर वली साहब से शादी की थी और 26 साल की उम्र में वो पाकिस्तान चली गई। जहां उनका 63 साल की उम्र में निधन हो गया।

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