Heeramandi के गीतकार A.M.Turaz ने बयां किया अपना दर्द, बोले इंडस्ट्री में क्रिएटर्स को वो जगह नहीं मिल रही है जिसके वो हकदार हैं सारा क्रेडिट हीरो…

फिल्म गुजारिश से बतौर गीतकार अपनी पहचान बनाने वाले गीतकार ए एम तुराज आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। पर इंडस्ट्री में निर्देशक,संगीतकार व गीतकार के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से वो ज्यादा खुश नहीं हैं

A M Turaz Questions Why Creators Are Not Recognized Like Actors: गीतकार ए एम तुराज आज बॉलीवुड के प्रमुख गीतकारों में से एक हैं। फिल्मों खासकर संजय लीला भंसाली के साथ ए एम तुराज ने मिलकर कई शानदार नगमें हिंदी सिनेमा को दिए हैं। अभी हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज हीरामंडी के गानों को भी लोगों ने खूब पसंद किया है। इन गानों की खास बात ये है कि ये गाने पुराने जमाने के हिसाब से लिखे गए हैं। हीरामंडी के हर गाने को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है। फिल्म गुजारिश से बतौर गीतकार अपनी पहचान बनाने वाले ए एम तुराज ने हाल ही में लहरें से खास बातचीत में अपने करियर व संजय लीला भंसाली के साथ अपनी जुगलबंदी पर खुलकर बातें की हैं।

ए एम तुराज ने लहरें को बताया कि संजय लीला भंसाली के साथ उनकी केमिस्ट्री बहुत ही जबरदस्त है। तुराज के मुताबिक संजय लीला भंसाली आज के समय के उम्दा फिल्म मेकर्स में से एक हैं। जिनको फिल्म की कहानी,संगीत और मेकिंग की काफी अच्छी समझ है और ये उनकी फिल्मों में आसानी से देखा जा सकता है। संजय लीला भंसाली की हर फिल्म हमें कुछ न कुछ सीख देती है और दर्शकों का मनोरंजन भी करती है। इसी बातचीत में तुराज ने कहा कि किसी भी फिल्म को कामयाब बनाने में क्रिएटर्स का सबसे ज्यादा रोल होता है। फिर चाहे को निर्देशक हो, संगीतकार हो या गीतकार, लेकिन आज भी इन क्रिएटर्स को इंडस्ट्री में ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती है। जबकि वो इससे ज्यादा के हकदार हैं।

लहरें से आगे बातचीत में तुराज ने कहा कि सब कुछ तैयार होने पर हीरो आता है और सारा क्रेडिट कामयाबी का उसको मिल जाता है और हीरो के स्टारडम के आगे फिर निर्देशक,संगीतकार, गीतकार व दूसरे क्रिएटिव लोगों को वो पहचान मिल ही नहीं पाती है। तुराज ने ये भी जोर देकर कहा कि वो हीरो के स्टारडम के खिलाफ नहीं है लेकिन क्रिएटर्स को भी अपनी जगह मिलनी चाहिए। अपने शुरूआती दौर के बारे में बताते हुए तुराज ने कहा कि वो शुरू से ही बतौर गीतकार अपने करियर को आगे बढाना चाहते थे।

ए एम तुराज ने इस बारे में कहा कि उनके गीतकार बनने में उनका शायरी पक्ष काफी मददगार भूमिका में रहा है। जब वो मुंबई गीतकार बनने का ख्वाब लेकर आए, तो औरो की तरह ही उन्हे भी काफी संघर्ष करना पड़ा था। यहां अपनी जगह बनाने के लिए बतौर संवाद लेखक काम करना पड़ा। तुराज ने कहा कि उन्होने टीवी के लिए कई संवाद व स्क्रीन प्ले लिखे हैं। फिर धीरे धीरे इंडस्ट्री के लोगों से पहचान हुई और इसी मिलने जुलने की वजह से एक दिन वो संगीतकार इस्माइल दरबार से मिले। इस्माइल दरबार ने उनकी मुलाकात संजय लीला भंसाली से कराई और इस तरह से वो फिल्मों में गीत लिखने लगे। ए एम तुराज के साथ लहरें का ये पूरा इंटरव्यू देखने के लिए आप लहरें रेट्रो यूट्यूब चैनल व डेली मोशन के इस लिंक को क्लिक कर सकते हैं।

ये भी पढ़े: Shah Rukh Khan ने Anant Ambani की शादी में छुए Amitabh Bachchan और Jaya Bachchan के पैर, फैन्स हुए किंग खान से इंप्रेस

Latest Posts

ये भी पढ़ें