Meena Kumari की मौत पर दुख जताने के बजाए बड़ी बहन Nargis Dutt ने क्यों कहा था, बहन “तुम्हें मौत मुबारक हो”

मीना कुमारी के हर दुख दर्द से उनकी बड़ी बहन नरगिस दत्त वाकिफ थी। मीना कुमारी की मौत पर लिखे एक खत में नरगिस ने बहुत ही हैरान करने वाली बात लिखी थी

When Nargis Dutt Said Meena Maut Mubarak Ho: जिस तरह से हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार को ट्रेजिडी किंग के नाम से जाना जाता है। ठीक उसी तरह से अदाकारा मीना कुमार को हिंदी सिनेमा की ट्रेजिडी क्वीन कहा जाता है। दिलीप कुमार की तरह ही मीना कुमारी भी अपने किरदारों की गहराई तक जाकर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। एक अगस्त 1933 को मुंबई में जन्मी मीना कुमारी के बचपन का नाम माहजबीं बानो था। वो चार साल की उम्र से ही फिल्मों में काम करने लगी थी। मीना कुमारी के गॉडफादर उस समय मशूहर निर्देशक विजय भट्ट थे। जिन्होने मीना को पहली बार मौका दिया और जब वो बड़ी हुई तब भी विजय भट्ट ने ही मीना कुमारी को बतौर लीड एक्ट्रेस फिल्म बैजू बावरा से भारत भूषण के अपोजिट इंट्रोड्यूस किया था। फिल्म हिट रही थी और बस यहीं से मीना कुमारी का बतौर लीड एक्ट्रेस सफर शुरू हो गया था।

1957 में रिलीज हुई फिल्म शारदा,1958 की सहारा,यहूदी,1959 की चिराग कहां रोशनी कहां,चार दिल चार राहें और 1960 की दिल अपना और प्रीत पराई जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में कर वो हिंदी सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन बन गई। एक तरफ जहां उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही थी। वहीं उनकी निजी जिंदगी में तूफान मचा हुआ था। पति कमाल अमरोही के साथ उनके बनते बिगड़ते रिश्तों ने उन्हे अंदर ही अंदर तोड़कर रख दिया था। जिसकी वजह से वो पति से अलग भी रह रही थी। मीना कुमारी और पति कमाल अमरोही के बीच विवाद की वजह से ही उनकी कल्ट क्लासिक फिल्म पाकीजा को पूरा होने में करीब 18 साल लग गए।

मीना कुमारी के हर दुख दर्द से उनकी बड़ी बहन नरगिस दत्त वाकिफ थी। मीना कुमारी की मौत पर लिखे एक खत में नरगिस ने बहुत ही हैरान करने वाली बात लिखी थी। नरगिस ने मीना कुमारी को कोट करके लिखा था कि तुम्हारी बाजी तुम्हे मौत पर मुबारक बाद दे रही है। मीना तुम्हे मौत मुबारक हो। नरगिस ने आगे लिखा था कि दुबारा इस दुनिया में मत आना क्योकि ये दुनिया तुम्हारे काबिल नहीं है। मीना कुमारी के लिए नरगिस का लिखा ये खत उर्दू मेमोर ऑफ सिनेमा लीजेंड किताब में भी दर्ज है।

मीना पति कमाल अमरोही से अलग होने का दर्द और कहते हैं कि अभिनेता धर्मेंद्र की बेवफाई की वजह से वो शराब पीकर अपना गम भुलाने की कोशिश कर रही थी। कहते हैं कि शराब की वजह से ही उनका लीवर खराब हो गया था और यही उनकी मौत का कारण बना था। 4 फरवरी 1972 को जब उनकी बड़ी बहन नरगिस दत्त के कहने पर पाकीजा फिल्म पूरी करके रिलीज हुई तो उस वक्त मीना कुमारी की हालत काफी ज्यादा खराब थी। फिल्म ने धीरे धीरे रफ्तार पकड़ी। 31 मार्च 1972 को जब मीना कुमारी की मौत की खबर सभी को पता चली, इसके बाद फिल्म ने सिल्वर जुबली मनाई। पर अफसोस फिल्म की सफलता देखने के लिए मीना कुमारी जिंदा नहीं थी। वो इस दुनिया से कूच कर चुकी थी।

ये भी पढ़े: जब अपनी शादी में बैठे बैठे बोर हो गई थी Kajol, Ajay Devgn से बोली पंडित से कहो जल्द फेरे लगाएं मैं ज्यादा देर…

ताज़ा ख़बरें