Padmini Kolhapure Rejected Ram Teri Ganga Maili: हिंदी सिनेमा के पहले शो मैन राज कपूर की फिल्मों का विषय हमेशा समाज में हो रही घटनाओं पर ही केंद्रित होता था। राज कपूर की फिल्में जहां गीत व संगीत के लिहाज से मजबूत होती थी, वहीं कथानक भी काफी सुंदर ढंग से लिखा जाता था। फिल्म बॉबी की जबरदस्त कामयाबी के बाद राज कपूर ने ऋषि कपूर को तो बॉलीवुड में स्थापित कर दिया था। जो बाद में अपने बल पर कई फिल्मों में बॉबी के बाद काम कर रहे थे। ऋषि से पहले रणधीर कपूर भी फिल्मों में 80 के दशक में करीब करीब अपनी धाक जमा चुके थे। ऐसे में राज कपूर को अपने छोटे बेटे राजीव कपूर की चिंता थी।
हिंदी सिनेमा में राज कपूर ने बेटे राजीव कपूर को लॉन्च करने के लिए एक अलग कॉन्सेप्ट चुना। फिल्म का नाम था राम तेरी गंगा मैली। ये फिल्म जब रिलीज हुई तो एक्ट्रेस के बोल्ड सीन्स के लिए विवादों में रही थी। फिल्म की कास्टिंग को लेकर राज कपूर ने पहले लीड एक्ट्रेस के लिए पदमिनी कोल्हापुरे को चुना था, लेकिन पदमिनी को फिल्म के बोल्ड सीन्स से आपत्ति थी। तो उन्होने राम तेरी गंगा मैली में काम करने से मना कर दिया।
पदमिनी कोल्हापुरे के इनकार के बाद राजकपूर ने डिंपल कपाडिया का ऑडिशन गंगा के रोल के लिए किया। डिंपल का ऑडिशन राज कपूर को पसंद भी आया था लेकिन राज कपूर जो चाह रहे थे। वो उन्हे 100 प्रतिशत नहीं मिल रहा था। ऐसे में उन्होने डिंपल को फिल्म में लेने का प्लान ड्रॉप कर दिया और एक नई एक्ट्रेस की तलाश शुरू कर दी। नई एक्ट्रेस की तलाश में राज कपूर को यास्मीन जोसेफ नाम की लड़की पसंद आ गई। जो उस दिन इंडियन गेटअप में ऑडिशन देने आई थी। राज कपूर को यास्मीन पसंद आ गई और यास्मीन को उन्होने फाइनल कर लिया।
इसके बाद यास्मीन जोसेफ को राज कपूर ने एक नया फिल्मी नाम दिया मंदाकिनी। फिल्म जब रिलीज हुई तो बेहद ही कामयाब रही। मंदाकिनी इस फिल्म की कामयाबी से रातो रात स्टार बन गई। पहली ही फिल्म की कामयाबी के बाद इतनी बड़ी कामयाबी फिर न तो मंदाकिनी को मिली और न ही राजीव कपूर को। करीब एक दशक बाद दोनों कुछ फिल्में करने के बाद हिंदी सिनेमा से गायब हो गए।