Johnny lever: सुसाइड के आते थे ख्याल, हंसते चेहरे के पीछे छिपाए कई दर्द, फिर बने इंडस्ट्री के Top Comedian…

जॉनी जब 13 साल के थे तब वह बहुत परेशान हो गए थे और आत्महत्या करने के बारे में सोच लिया था। इसके लिए वह रेलवे ट्रैक पर भी जाकर लेट गए थे।

जॉनी लीवर.. ये बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम है जो बरसों से लाखों लोगों को हंसाता नजर आया है, लेकिन शायद ही इसके हंसते हुए चेहरे के पीछे का दर्द कोई समझ पाया हो। अपनी लाजवाब कॉमेडी और शानदार एक्टिंग के माध्यम से लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाले जॉनी लीवर ने अपनी जिंदगी में कई दुखों का सामना किया लेकिन लोगों ने उन्हें हमेशा हंसता हुआ ही पाया है। आज जॉनी लीवर कॉमेडी की दुनिया का बड़ा नाम है लेकिन उनकी जिंदगी में भी एक ऐसा वक्त आया था जब वह आत्महत्या करना चाहते थे। इतना ही नहीं बल्कि वह सुसाइड करने के लिए ट्रेन के ट्रैक पर भी पहुंच गए थे। हालांकि जैसे-तैसे जॉनी ने खुद को संभाला और फिर वह इंडस्ट्री के टॉप कॉमेडी कलाकार बने। आज हम इस लेख में जानेंगे जॉनी लीवर की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से..

गरीबी में बीता बचपन
14 अगस्त 1957 को जन्मे जॉनी लीवर मुंबई की एक चॉल में रहा करते थे। उनके पिता शराब पीने के आदि थे जिसकी वजह से आए दिन उनके घर में मारपीट और झगड़ा हुआ करता था। बचपन से ही जॉनी खुशमिजाज के थे ऐसे में वह जब भी चॉल की किसी बर्थडे पार्टी में जाते थे तो अपनी हाजिर जवाबी से लोगों का दिल जीत लिया करते थे और उनकी यही हाजिर जवाब भी उन्हें इंडस्ट्री का टॉपिक कॉमेडियन बनाने में कामयाब रही। हाल ही में जॉनी लीवर मशहूर यूट्यूब रणबीर अल्लाहबदिया के शो मेंनजर आए। यहां पर उन्होंने अपनी जिंदगी में आए दुखों को साझा किया। उन्होंने बताया कि छोटी सी उम्र में ही उन्होंने संघर्ष का सामना करना शुरू कर दिया था।

जॉनी ने बताया कि, “बचपन में मुझे फैमिली को देखना पड़ता था तो मैं बहुत स्ट्रगल किया मैं कुछ काम करता था तो घर में खाना बनता थापिताजी बहुत ड्रिंक करते थे और पीने के बाद उन्हें पता ही नहीं था कि वहां क्या करते थे वह अपने दोस्तों के साथ निकल जाते थे कम पर नहीं जाते थे और दादागिरी बहुत करते थे हम लोगों को डर लगता था कि मेरा आप आज जिंदा आएगा कि नहीं आएगा।”

सुसाइड करना चाहते थे जॉनी
इस दौरान जॉनी लीवर ने यह भी बताया कि, जब वह 13 साल के थे तब वह बहुत परेशान हो गए थे और आत्महत्या करने के बारे में सोच लिया था। इसके लिए वह रेलवे ट्रैक पर भी जाकर लेट गए थे। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, “मेरी अपने पापा से इतनी फ्रस्ट्रेशन हो गई थी कि मैं रेलवे ट्रैक पर जाकर लेट गया लेकिन जैसे ही मैं ट्रेन आते देखी तो मेरी आंखों में मेरी तीन बहने आ गई बस इसी वजह से मैंने अपने कदम वापस ले लिए।”

बाजीगर से चमकी किस्मत
बता दें, जॉनी को सबसे पहले साल 1982 में फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ में काम करने का मौका मिला, लेकिन साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म ‘बाजीगर’ से उनकी किस्मत चमक उठी। हैरानी वाली बात है कि इस फिल्म में जॉनी के लिए ना तो डायलॉग लिखे गए थे और ना ही किसी तरह की स्क्रिप्ट। उन्होंने खुद इस फिल्म में अपने दिमाग से ही डायलॉग बोले थे जो काफी हिट हुए थे। बता दे जानी ने लगभग 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है।

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