Why Mumtaz Not Played Role Of Dev Anand’s Sister: बॉलीवुड की वर्सेटाइल अभिनेत्री मुमताज जिन्होंने 60 और 70 के दशक में अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज किया, उस समय मुमताज का हर कोई दीवाना था। मुमताज जिन्होंने बॉलीवुड के दिवंगत सुपरस्टार देव आनंद के साथ भी दो बड़ी फिल्मों- ‘तेरे मेरे सपने’ (1971) और ‘हरे राम हरे कृष्णा’ (1971) में काम किया था, उन्होंने देव आनंद की बहन का रोल निभाने से मना कर दिया था। फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्णा’ में मुमताज को पहले देव आनंद की बहन वाला रोल ऑफर हुआ था। लेकिन मुमताज ने बहन का रोल करने से मना कर दिया था और उसकी जगह उन्होंने फिल्म में देव आनंद की पत्नी का रोल निभाया था। मुमताज ने इस फिल्म में देव आनंद की बहन का रोल निभाने से क्यों मना क्या था, इस का कारण खुद अभिनेत्री ने बताया है।
मुमताज ने ईटाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में इस फिल्म में देव आनंद की बहन का रोल न निभाने का कारण बताते हुए कहा कि वे इस फिल्म से पहले ‘तेरे मेरे सपने’ में उनकी पत्नी का रोल निभा चुकी थी और इसीलिए वे इस फिल्म में उनकी बहन का रोल नहीं निभानी चाहती थी। मुमताज ने कहा कि, ‘’वे मेरे पास ‘हरे राम हरे कृष्णा’ के लिए आए और उन्होंने मुझे इस फिल्म की कहानी सुनाई। वो चाहते थे कि मैं इस फिल्म में उनकी बहन का रोल निभाऊं। मैंने सोचा की एक शादीशुदा जोड़े का किरदार निभाने के बाद बहन का रोल निभाना थोड़ा अजीब नहीं लगेगा। इसलिए, मैंने उनकी बहन की भूमिका को निभाने से इनकार कर दिया और उनकी हीरोइन का रोल निभाने को कहा। उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि फिल्म में बहन का रोल काफी बड़ा है और इसको मुझे नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन मैं अपने फैसले पर अडिग थी, क्योंकि ‘तेरे मेरे सपने’ में हमारी जोड़ी लोगों को काफी पसंद आई थी और वो भी इस बात सहमत हो गए थे। फिर मैंने अपने मन का ही किरदार निभाया।’’
मुमताज ने देव आनंद के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के बारे में भी बताया है। मुमताज ने कहा कि, ”देव साहब मुझे बहुत पसंद करते थे। मैं देव साब के बहुत करीब थी और वह मुझे मुमजी कहकर बुलाते थे। वे मुझसे फिल्म के सेट पर अपने स्कार्फ को चुनने को कहते थे।” मुमताज ने यह भी बताया कि देव आनंद के निधन के बाद उन्होंने उनका चेहरा क्यों नहीं दखा? मुमताज ने इस बारे में बताते हुए कहा कि, ‘’अफसोस की बात ये है कि मैं जहां रहती हूं – मेफेयर, लंदन में – वही कुछ दूरी पे उनका होटल था जहां उनका निधन हुआ था। कई लोग मेरे पास आए कि उनको देख लीजिए। लेकिन मैंने ने उन्हें नहीं देखा, क्योंकि वो मेरे दिल और दिमाग में हमेशा एवरग्रीन थे। इसीलिए मैं उन्हें इस हालत देख ही नहीं पाती।”