Arshad Warsi apprehensive of Munna Bhai Sanjay Dutt was confused: अरशद वारसी जोकि बॉलीवुड में पिछले 25 सालों से राज कर रहे हैं। अरशद ने इस 25 सालों में हर प्रकार का रोल किया है। उन्होंने कॉमेडी से लेकर सीरियस किरदारों को खूब बेहतरीन ढंग से निभाय है। लेकिन एक ऐसा भी समय था जब अरशद को लग रहा था कि वे बॉलीवुड में टिक नहीं पायेंगे।
अरशद को ऐसा फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ (2003) की शूटिंग के दौरान लगा था। अरशद की इस फिल्म में अपने किरदार सर्किट को निभाकर ऐसा लग रहा था कि यह उनकी आखिरी फिल्म है। इस बात का खुलासा अरशद ने हाल ही में सिद्धार्थ कनन को दिए एक इंटरव्यू में किया है। अरशद ने फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि, ‘’मुझे पता था कि ये फिल्म करने के बाद, मुझे लगा कि इस फिल्म के कारण मेरा करियर खत्म हो जाएगा। मुझे लगा कि यह मेरी आखिरी फिल्म है। यह एक गुंडे का रोल था। इस रोल को मकरंद देशपांडे ने तक करने से मना कर दिया था,क्योंकि उन्हें पता था कि इस रोल में कुछ भी नहीं रखा है।’’
आगे अरशद ने कहा कि, ‘’मुझे फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी बहुत ही अच्छे लगे, इसीलिए मैेंने इस फिल्म को करने के लिए हामी भर दी थी। लेकिन मुझे अंदर ही अंदर पता था कि यह फिल्म मेरी करियर को खत्म करने वाली है। क्योंकि कोई भी फिल्म में गुंडे को याद नहीं रखता सिर्फ हीरो याद रहता है। मैंने राजकुमार हिरानी से कहा कि बस मुझे इस फिल्म की शूटिंग को इन्जॉय करने दो। इसके अलावा इस फिल्म में लेकर मैं ही नहीं बल्कि संजू (संजय दत्त) भी बहुत कंफ्यूज था, क्योंकि उसे इस फिल्म को लेकर कॉन्फिडेंस नहीं आ रहा था।’’
बता दें कि, साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्नाभाई एमीबीबीएस’ ने अरशद और संजय के फिल्मी करियर को काफी बड़ी उड़ान दी थी। यह फिल्म बॉक्सऑफिस पर हिट रही थी। इसके अलावा इस फिल्म का सीक्वल लगे रहो मुन्नाभाई (2006) भी हिट रहा था।