Nargis Dutt से लेकर Deepika Padukone तक, Indian Cinema की कुछ मोस्ट आइकोनिक लीडिंग लेडीज पर डालिए एक नजर

हर युग में एक खूबसूत चेहरे ने अपने इररिप्लेसेबल चार्म और टैलेंट के साथ लाखों लोगों के दिलों पर राज किया है। ये अभिनेत्रियां हमेशा डिमांड में रही हैं और हमेशा बी-टाउन में अपने समय की हाईएस्ट लीडिंग लेडीज में शुमार रही हैं। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही नामों पर जो हमेशा अपने चार्म से आगे निकल गई।

Indian Cinema Leading Ladies: पिछले कुछ सालों में भारतीय सिनेमा (Indian Cinema Popular Actress) में हीरोइन्स की वैल्यू निश्चित रूप से बदल गई है और विकसित भी हो रही है। हर युग में एक खूबसूत चेहरे ने अपने इररिप्लेसेबल चार्म और टैलेंट के साथ लाखों लोगों के दिलों पर राज किया है। ये अभिनेत्रियां हमेशा डिमांड में रही हैं और हमेशा बी-टाउन में अपने समय की हाईएस्ट लीडिंग लेडीज में शुमार रही हैं। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही नामों पर जो हमेशा अपने चार्म से आगे निकल गई।

दीपिका पादुकोन (Deepika Padukone)

बॉलीवुड की कई लीडिंग लेडीज को पीछे छोड़ते हुए, दीपिका एक ऐसा नाम थी जिन्होंने इंडस्ट्री में ओम शांति ओम (2007) में शाहरुख खान के साथ अपनी शुरूआत की। तब से, दीपिका फिल्मों की अपनी एक्सीलेंट च्वाइस के साथ शाइन कर रही हैं। हालांकि, 2013 के बाद ये जवानी है दीवानी, चेन्नई एक्सप्रेस और गोलियों की रासलीला राम-लीला के साथ उनके करियर में अभूतपूर्व उछाल आया। यह वह समय था, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इंडस्ट्री की हाईएक्स पेड एक्ट्रेस बन गई। दर्शकों के बीच उनका फैनडम और पापुलैरिटी किसी भी दूसरे स्टार से कहीं ज्यादा अलग है। वह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के उन कुछ नामों में से हैं जिनके आकर्षण, प्रतिभा ने सीमाओं को पार कर लिया है। इसके अलावा, पद्मावत में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें अन्य ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वह लगभग एक दशक से राज कर रही हैं और अभी भी फिल्मों की सबसे अद्भुत सीरीज के साथ जाने के लिए उत्सुक है। आने वाले समय में दिपिका, शाहरुख के साथ पठान, प्रभास के साथ प्रोजेक्ट के, ऋतिक के साथ फाइटर में नजर आएंगी।

रानी मुखर्जी (Rani Mukerji)

माधुरी के फिल्मों से ब्रेक के बाद, बॉलीवुड का मैदान नई अभिनेत्री के लिए खुला था, लेकिन कोई भी लंबे समय तक क्राउन अपने हाथ में नहीं रख पाया और तभी रानी मुखर्जी ने इंडस्ट्री में एंट्री की। अपने शानदार विकल्पों के साथ, रानी लीडिंह लेडी थीं, जो इंडस्ट्री के प्रमुख फिल्म निर्माताओं द्वारा हर बड़े प्रोजेक्ट का चेहरा थीं। कुछ कुछ होता है (1998), बिछू (2000), नायक: द रियल हीरो (2001), साथिया (2002), हम तुम (2004), और कई और फिल्मों ने उनकी यात्रा को स्क्रीन पर जारी रखा और सालों से सबसे उन्हें मोस्ट डिमांडिग लीडिंग लेडी बनाया। हालांकि, उन्होंने कभी भी फिल्मों से बड़ा ब्रेक नहीं लिया, बॉलीवुड के सबसे पावरफुल मैन, आदित्य चोपड़ा से उनकी शादी एक ऐसा फैसला था जिसने उन्हें इंडस्ट्री में एक प्रमुख प्रोडक्शन हाउस की रानी बना दिया।

माधुरी दिक्षित (Madhuri Dixit)

1990 के दशक की शुरुआत में माधुरी एक ऐसा तूफान बनकर सामने आई जो दर्शकों के दिलों पर राज करने में कामयाब रही। माधुरी, एक्टिंग और डांसिंग की एक परफेक्ट ब्लेंड थी, जो एक के बाद एक लगतार हिट फिल्में दे रही थीं जिसमें तेजाब (1988), राम लखन (1989), दिल (1990), साजन (1992), बेटा (1992) और खलनायक (1993) शामिर हैं। और हम आपके हैं कौन (1994) में मुख्य भूमिका निभाकर माधुरी ने पूरी तरह से अपनी जगह बना ली क्योंकि यह फिल्म अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई। 1999 में श्रीराम नेने से उनकी शादी के साथ उनकी एक्टिव जर्नी होल्ड पर चली गई लेकिन फिल्मों में अब भी उनका चार्म और एलिगेंस बरकरार हैं।

नरगिस (Nargis Dutt)

आजादी के दौर में नरगिस के वजूद को भूलना मुश्किल है। जबकि अभिनेत्री ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट, मैडम फैशन, मोती का हार, और पर्दानाशीन जैसी फिल्मों से इंडस्ट्री में अपनी शुरूआत की थी, उन्हें 1943 की रिलीज तकदीर में अपना पहली लीड रोल मिला। इसके बाद नरगिस के करियर ने एक नया मोड़ लिया और राज कपूर के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट हो गई और वो बिगेस्ट फीमेल स्टार के रूप में उभर कर सामने आई जिन्होंने अंदाज़ (1949) और आवारा (1951) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी। इसके अलावा, उनके करियर ने 1957 की फिल्म मदर इंडिया के साथ टॉप पोजीशन हासिल किया, जिसने ऑस्कर नामांकन में अपना नाम दर्ज किया। यही वह समय है जब उन्होंने अपने पति सुनील दत्त के साथ अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए अपनी जान देने का फैसला किया।

श्रीदेवी (Sridevi Kapoor)

साउथ इंडस्ट्री से होने के नाते श्रीदेवी को हिन्दी फिल्म प्रोड्यूसर्स के रिलक्टेंट बिहेवियर का सामना करना पड़ा था। लेकिन अपनी मेहनत और डेडिकेशन के दम पर उन्होंने 1983 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर हिम्मतवाला के साथ सीधे बॉलीवुड में अपना मार्ग प्रशस्त किया। जबकि उनकी फिल्मोग्राफी उन्हें सफलता के बादलों में आगे ले गई जिसके साथ वह अनडिस्प्यूटेड क्वीन ऑफ बॉलीवुड बन गई। ऐसा माना जाता है कि श्रीदेवी ने जिस तरह का स्टारडम जीता, वह अपने जमाने की किसी और एक्ट्रेस ने नहीं देखा। वह लीडिंग लेडी थीं जिनका जादू हिंदी और साउथ फिल्म इंडस्ट्री दोनों में दिखाई दे रहा था।

हेमा मालिनी (Hema Malini)

नरगिस ने 1957 में फिल्मों से अपने रिटायरमेंट के साथ वास्तव में काफी हाई स्टैंडर्ड्स सेट कर दिया था। लेकिन 1950 से 1970 के दशक की शुरुआत तक ग्लैम की दुनिया पर राज करने वाली सभी लीडिंग लेडीज के साथ, हेमा मालिनी की एंट्री हुई जिन्होंने सभी को रिटायर कर दिया। इसी के साथ ‘द ड्रीम गर्ल’ के टाइटल से सम्मानित होने के बाद, हेमा मालिनी 1970 के दशक में मोस्ट बैंकेबल स्टार बन गईं। हेमा मालिनी को उनके सफर करियर के दौरान 1970 (जॉनी मेरा नाम), 1972 (सीता और गीता), 1975 (शोले), और 1976 (दस नंबरी) जैसी फिल्मों द्वारा परिभाषित किया गया था।

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