Sonepat के डीएम बोले- Singhu Border पर बैठे किसानों का कराया जाएगा Corona टेस्ट

आंदोलन के बीच सोनीपत के डीएम ने कहा है कि सिंघू बॉर्डर पर बैठे सभी किसानों का कोविड-19 (Covid-19) का टेस्ट करवाया जाएगा।

Sonepat DM Order for Farmers: दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) लगातार आठवें दिन जारी है। सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) से आए बड़ी संख्या में किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कोरोना महामारी (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए सोनीपत जिला प्रशासन ने किसानों के कोविड टेस्ट कराने का फैसला किया है। इस आंदोलन के बीच सोनीपत के डीएम ने कहा है कि सिंघू बॉर्डर पर बैठे सभी किसानों का कोविड-19 (Covid-19) का टेस्ट करवाया जाएगा।

आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को कहा कि नए कृषि कानूनों (Agricultural Laws) को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए और अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र विरोध प्रदर्शन को पंजाब केंद्रित आंदोलन के तौर पर दिखाना चाहता है और किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है।

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Sonepat DM Order for Farmers
Sonepat DM Order for Farmers

उन्होंने कहा कि नए कानूनों के खिलाफ भविष्य के कदमों पर फैसला के लिए देश के दूसरे भागों के किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी किसान संयुक्त मोर्चा में शामिल होंगे। पाल ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधि बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक में केंद्रीय मंत्रियों को बिंदुवार अपनी आपत्ति से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए। हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।’’

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर केंद्र तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लेगा तो किसान अपनी मांगों को लेकर आगामी दिनों में और कदम उठाएंगे। संवाददाता सम्मेलन के पहले करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए। केंद्र और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच मंगलवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही और आगे अब तीन दिसंबर को फिर से वार्ता होगी। वही किसानों के संगठनों ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि मांगें पूरी नहीं होने पर वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।

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