Lata Mangeshkar Birth Aniiversary: शोहरत की बुलंदी पर पहुंची Lata Mangeshkar को जब धीमा जहर देकर की गई थी मारने की कोशिश

लता मंगेशकर की इस कामयाबी से कोई तो था जो उनसे नफरत करता था। तभी तो उन्हे धीमा जहर देकर उन्हे मारने की कोशिश की गई थी

When Lata Mangeshkar Was Given Slow Poison: हिंदी सिनेमा में स्वरकोकिला के नाम से मशहूर भारत रत्न लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है। 28 सितंबर 1929 को जन्मी लतामंगेशकर ने न सिर्फ हिंदी बल्कि कई दूसरी भाषाओं में कई शानदार गीत दिए हैं। गीतों के अलावा कई भजन व गजलों को भी लता दीदी ने अपनी आवाज़ से तराशा है। 1949 में रिलीज हुई मधुबाला की महल फिल्म के गाने आएगा आने वाला की जबरदस्त कामयाबी के बाद लता मंगेशकर शोहरत की बुलंदी पर पहुंच गई थी। इसके बाद के सालों में वो अपने गीतों के जरिए लोगों की पहली पसंद बन गई थी। लता मंगेशकर की इस कामयाबी से कोई तो था, जो उनसे नफरत करता था। तभी तो लता दीदी को एक समय धीमा जहर देकर उन्हे मारने की कोशिश की गई थी।

जब डॉक्टर ने बताया कि लता मंगेशकर को धीमा जहर दिया जा रहा था। तो ये खबर आग की तरह फैल गई। इस खबर से हर कोई हैरान था। ये वाक्या साल 1963 में घटा था। जब लता मंगेशकर अचानक बीमार हो गई और उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही थी। हर किसी को लग रहा था कि कि अब लता मंगेशकर की आवाज़ को दोबारा नहीं सुन पाएंगे लेकिन लता के जीने के जज्बे ने हर मुश्किल हालात से जंग जीत कर एक नई कहानी लिखी। अपने दिए कई इंटरव्यू में इस बारे में लता जी कहती है कि मंगेशकर्स परिवार इसे याद नहीं करना चाहता है। क्योकि यह उनकी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था।

जब इस बात की जानकारी मंगेशकर परिवार को हुई, तो सबसे पहले लता की बहन उषा ने घर के नौकर को, जो खाना बनाता था, उसको हमेशा के लिए निकाल दिया था और कहा गया था कि अब लता जी के लिए खाना उनकी बहन उषा बनाएगी। घर से निकालने के बाद नौकर फिर कभी दिखाई नहीं दिया। कहते हैं कि वो अपने बकाया पैसा भी लेने नहीं आया था। बाद में इसकी जानकारी मंगेशकर्स परिवार को भी हुई कि किसने उन्हे जहर देने की कोशिश की थी, लेकिन परिवार ने उस पर कोई एक्शन नहीं लिया। बर्शते मंगेशकर परिवार अलर्ट रहने लगा।

लता मंगेशकर करीब तीन महीने तक बेड पर रही। रिकवर होने के बाद लता जी ने पहला गाना फिल्म बीस साल बाद के लिए रिकॉर्ड किया। जिसके बोल थे कहीं दीप जले कहीं दिल। ये गाना भी जबरदस्त हिट हुआ था। लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में ये भी बताया था कि उनकी रिकवरी में सबसे ज्यादा अहम किरदार गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी का था। जो उनके साथ उस वक्त साये की तरह रहते थे। यहां तक कि लता दीदी के साथ वो खाना भी खाते थे।

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