Vinod Khanna: करियर के पीक पर त्याग दिया बॉलीवुड, स्टारडम छोड़ साफ़ किए टॉयलेट, आखिर क्यों सन्यासी बन गए थे Actor?

विनोद खन्ना को पहली बार सुनील दत्त की फिल्म 'मन के मीत' में देखा गया था। इसके बाद एक्टर ने 'पूरब पश्चिम', 'सच्चा झूठा', 'मस्ताना', 'मेरा गांव मेरा देश' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

विनोद खन्ना… इंडस्ट्री का यह वो नाम है जिसने 80s की दुनिया में अपनी शानदार एक्टिंग से तहलका मचा दिया था। विनोद खन्ना अपने डायलॉग डिलीवरी के लिए जाने जाते थे और उन्होंने बहुत ही कम समय में इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया था। कहने वाले तो यह भी कहने लगे थे कि विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन जैसे बड़े-बड़े सुपरस्टार को टक्कर देने लगे थे, लेकिन अचानक ही उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर से दूरी बना ली और संन्यास की राह पर निकल गए। इस दौरान विनोद खन्ना ने अपनी जिंदगी में ऐसे काम किया जिन पर यकीन कर पाना भी मुश्किल है। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर विनोद खन्ना ने बॉलीवुड दुनिया से क्यों दूरी बना ली थी और आखिर वह संन्यास की दुनिया में इतना लीन क्यों हो गए थे?

कम समय में बने थे सुपरस्टार
6 अक्टूबर 1986 को पेशावर पाकिस्तान में जन्मे विनोद खन्ना ने अपनी पढ़ाई लिखाई कंप्लीट करने के बाद एक्टिंग की दुनिया में दस्तक दी। यहां पर विनोद खन्ना अपने लुक्स और कद-काठी के लिए जाने गए। विनोद खन्ना इतने हैंडसम दिखाई देते थे कि उनकी फीमेल फैन फॉलोइंग बहुत ही जबरदस्त थी। उन्होंने अपने करियर में अमिताभ बच्चन से लेकर धर्मेंद्र जैसे बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया। वैसे तो विनोद खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत में केवल विलेन की किरदार निभाए थे जो खूब हिट हुए थे।

इसके बाद उन्हें हीरो के किरदार मिलने लगे और उनकी पहले से ज्यादा फैन फॉलोइंग बढ़ गई। विनोद खन्ना को पहली बार सुनील दत्त की फिल्म ‘मन के मीत’ में देखा गया था। वैसे तो इस फिल्म में वह विलेन के रोल में नजर आए थे, लेकिन लोगों ने उनकी अदाकारी की खूब तारीफ की। इसके बाद एक्टर ने ‘पूरब पश्चिम’, ‘सच्चा झूठा’, ‘मस्ताना’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘रोटी कपड़ा मकान’, ‘अचानक’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘मजबूर’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

रजनीश से प्रभावित थे विनोद खन्ना
इसी बीच अचानक विनोद खन्ना ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान रह गया था। कहा जाता है कि विनोद खन्ना ओशो के रजनीश आचार्य जी से काफी प्रभावित थे। वह फिल्म की शूटिंग के दौरान भी घंटे तक रजनीश की वीडियो देखा करते थे और ध्यान में बैठ जाया करते थे। बस यही से उनके मन में संन्यास लेने का खयाल आया। फिर धीरे-धीरे वह अपनी फिल्म की शूटिंग से समय निकालकर पुणे में रजनीश के आश्रम जाया करते थे और फिर अचानक वो दिन आ गया जब विनोद खन्ना ने पूरी तरह से ही इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया।

इसके बाद रजनीश के आश्रम में जा पहुंचे जहां पर वह बगीचे की सफाई करते थे। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने वहां पर टॉयलेट तक भी साफ किया। जब एक्टर ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर यह ऐलान किया कि, “मैं फिल्में छोड़ रहा हूं।।” तब उनके फैंस निराश हो गए थे और पूरी फिल्म इंडस्ट्री को भी एक बड़ा सदमा लगा था।

वापसी के बाद भी मिला स्टारडम
कई दिनों तक रजनीश के आश्रम में रहने के बाद विनोद खन्ना ने फिर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा। इसके बाद वह दोबारा अपना सुपरस्टार का तमगा हासिल करने में कामयाब रहे, लेकिन फिर गंभीर बीमारी के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। दरअसल विनोद खन्ना ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। ऐसे में 27 अप्रैल 2017 को उनका निधन हो गया।

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