कभी एक दूसरे के मारना चाहते थे Javed Akhtar और Shabana Azmi, पति के साथ अपने रिश्तों पर एक्ट्रेस ने किया खुलासा

जावेद अख्तर ने कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी से 1984 में शादी कर ली। शादी के बाद ये दोनों कपल अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। पर एक समय ऐसा भी था जब दोनों में भयंकर लड़ाईयां भी हुआ करती थी

Shabana Azmi Reacts To Javed Akhtars Relationship: गीतकार जावेद अख्तर को अक्सर हम उनके बेबाक बयानों और राजनीतिक मसलों पर उनकी टिप्पणी की वजह से जानते हैं। ये तो हम सभी को पता है कि गीतकार व एक कवि से पहले वो फिल्मों की कहानियां लिखा करते थे। सलीम खान के साथ जावेद अख्तर ने मिलकर कई शानदार फिल्में लिखी हैं। पर जब ये जोड़ी टूट गई, तो जावेद अख्तर ने अपने आपको एक गीतकार के रूप में हिंदी सिनेमा में स्थापित किया। जावेद अख्तर की पहली शादी हनी ईरानी से हुई थी, लेकिन बाद में जावेद अख्तर ने कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी से शादी कर ली। शादी के बाद ये दोनों कपल अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। पर एक समय ऐसा भी था जब दोनों में भयंकर लड़ाईयां भी हुआ करती थी।

एक्ट्रेस शबाना आजमी ने अपने हाल में फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में पति गीतकार जावेद अख्तर के साथ अपने रिश्तों के बारे में बोलते हुए बताया कि दोनों के बीच पति पत्नी के रिश्ते से बढ़कर दोस्ती का रिश्ता है। एक्ट्रेस ने आगे कहा कि एक समय ऐसा भी था कि हम दोनों में जमकर भयंकर लड़ाईयां हुआ करती थी। आलम ये था कि हम गुस्से में एक दूसरे खून कर दे। ऐसी कैफियत कभी कभी पैदा हो जाया करती थी, लेकिन आखिर में दोस्ती की वजह से मामला रफा दफा हो जाता था। हमें दोनों की इस दोस्ती को शादी भी तोड़ नहीं पाई।

शबाना ने यहां बातचीत में ये भी कहा कि मैं उतना रोमांटिक नहीं थी, लेकिन किताबों,कार्टूनों और परियों की कहानियां पढ़ते पढ़ते ये सब अपने आप आ जाता है। एक्ट्रेस ने ये भी कहा कि उन्होने अपने माता पिता की शादी, रोमांस और दोस्ती सब कुछ देख चुकी हैं। इसलिए उनके लिए दोस्ती काफी अहम है। इसलिए उन्होने अपने जीवन में दोस्ती की बहुत कद्र की है।

आपको बता दें कि जावेद अख्तर से 1984 में शबाना आजमी ने शादी की थी, हालाकि तब जावेद से शादी करने के लिए परिवार में विरोध भी था क्योकि जावेद की ये दूसरी शादी थी और शादी के समय जावेद दो बच्चों के पिता भी थे, लेकिन शबाना आजमी ने इसकी परवाह नहीं की। शबाना आजमी ने अपना करियर 1974 की फिल्म अंकुर से शुरू किया और देखते ही देखते समानान्तर सिनेमा की वो रीढ़ बन गई।

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