Bilkis Bano पर फिल्म बनाने के लिए Kangana Ranaut की मेहनत पर OTT प्लेटफॉर्म्स ने फेरा पानी, बोले एक्ट्रेस BJP की सपोर्टर तो….

बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत अक्सर अपने सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहती हैं। एक्ट्रेस ने अब खुलासा किया है कि वो बिलकिस बानों पर फिल्म बनाना चाहती थी लेकिन..

Kangana Ranaut Wants To Make Film On Bilkis Bano But: सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद एक बार फिर से गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानों सुर्खियों में हैं। माननीत सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दोषियों को बरी करने के गुजरात सरकार के फैसले को खारिज कर दिया है। इससे पहले गुजरात सरकार ने माफी नीति ने तहत बिलकिस बानों रेप केस मामले के 11 दोषियों को पिछले साल रिहा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की तरह तरह से समीक्षा की जा रही है। तो वहीं इसे लेकर फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत भी सुर्खियों में आ गई हैं। जानकारी के मुताबिक कंगना पिछले कई सालों से बिलकिस बानों पर फिल्म बनाने की कोशिश कर रही है, पर वो सफल नहीं हो पा रही हैं।

बॉलीवुड के क्वीन ने इस मामले को लेकर एक यूजर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वो इस मामले को लेकर आगे बढ़ना चाहती हैं और पिछले तीन सालों से वो इस पर काफी रिसर्च कर रही हैं और बिलकिस बानो पर उनकी स्क्रिप्ट भी तैयार है। पर जब वो स्क्रिप्ट को लेकर विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से मिली, तो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने इस विषय पर फिल्म बनाने के लिए उन्हे सपोर्ट करने से इनकार कर दिया। कंगना ने अपने सोशल मीडिया पर यूजर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वो नेटफ्लिक्स,जियो आदि कईयों से मिली और स्क्रिप्ट दिखाया लेकिन कोई भी तैयार नहीं हुआ। सभी का यही जवाब था कि वो उन्हे ये फिल्म राजनीति से प्रेरित लगती है।

एक्ट्रेस ने आगे जियो सिनेमा का नाम लेते हुए बताया कि चुकि वो एक राजनीतिक विचार धारा से जुड़ी हुई हैं। इसलिए जियो सिनेमा ने उन्हे सपोर्ट करने से मना कर दिया। कुछ इसी तरह का जवाब नेटफ्लिक्स व अमेजन ने भी दिया है। मैं बिलकिस बानों पर फिल्म तो बनाना चाहती हूं लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। आपको बता दें कि बिलकिस बानों का गैंगरेप 2002 के गुजरात दंगों में हुआ था और उनके सामने ही उनके परिवार के 7 लोगों को मार दिया गया था। कई सालों तक चले मुकदमे के बाद आखिरकार सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषियों को 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

इस मामले में कुल 18 लोगों पर केस चलाया गया था लेकिन सबूतों के अभाव में 7 लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। जबकि 11 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। केस की सुनवाई के दौरान बिलकिस को कई बार जान से मारने की धमकियां भी दी गई। जिसके चलते कई बार पीडिता ने अपना घर भी बदला और आखिरकार उनके केस की सुनाई मुंबई में ट्रांसफर कर दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिलकिस बानों एक बार फिर से चर्चा में हैं।

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