Javed Akhtar ने बताया कि Farah Khan ने उनसे सॉन्ग Dard-e-Disco के लिए मीनिंगलैस लिरिक्स क्यों लिखवाई?

बॉलीवुड के राइटर जावेद अख्तर ने बताया है कि फिल्म ‘ओम शांति ओम’ का सॉन्ग दर्द-ए-डिस्कों एक मीनिंगलैस गाना था।

Javed Akhtar why he wrote meaningless lyrics for Dard-E-Disco: साल 2007 में आई शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की हिट फिल्म ‘ओम शांति ओम’ दर्शकों को काफी पसंद आई थी। इस फिल्म का सॉन्ग का ‘दर्द-ए-डिस्को’ का फैंस को काफी पसंद आया था। इस सॉन्ग को सुखविंदर सिंह ने गाया था। इस सॉन्ग की लिरिक्स बॉलीवुड के दिग्गज राइटर जावेद अख्तर ने लिखी। जावेद अख्तर ने अब इसी बीच बताया है कि इस सॉन्ग की लिरिक्स मीनिंगलैस थी और फिल्म की डायरेक्टर फराह खान ने ही उन्हें इस तरह की लिरिक्स लिखने को कहा था। 

जावेद अख्तर ने हाल ही में साइरस ब्रोचा को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है। जावेद अख्तर ने इस सॉन्ग के बारे में बताते हुए कहा कि, ‘’मुझे ओम शांति ओम के गाने दर्द-ए-डिस्को के लिए  बताया गया था कि फिल्म का हीरो व्हीलचेयर पर है और उसे ‘डिस्को, डांस, ड्रीम-वर्ल्ड’ जैसा कुछ बेतुका कहना है। उन्होंने कहा कि फराह खान एक ऐसा गाना चाहती थीं जिसके बोल मीनिंगलैस हों। ‘फिल्म की निर्देशक फराह ने मुझसे कहा कि ‘जावेद अंकल मुझे ऐसा गाना चाहिए जिसकी किसी भी लाइन का कोई मतलब न हो। क्योंकि पूरा सीन ही बेतुका है।’ मुझे पहली बार एहसास हुआ कि बकवास लिखना बहुत मुश्किल है। जिस क्षण आपको पता चलता है कि आपको अस्पष्ट बातें करनी हैं, आप मीनिंगलैस बातें करना शुरू कर देते हैं।’’

बता दें कि, इसी इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने यह भी बताया कि वे अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बॉलीवुड में राज कपूर और गुरु दत्त का अस्सिटेंट बनकर करना चाहते थे। हालांकि, जब वे मुंबई अपना फिल्मी करियर शुरू करने आए, तबतक गुरू दत्त ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद जावेद अख्तर ने एक राइटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और उन्हें पहले 50 रुपए महीने की तनख्वाह मिलती थी। हालांकि, जब उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर फिल्मों के लिखने के लिए शूरू किया, तो उन्हें 750 रुपए तनख्वाह मिलनी शुरू हुई। 

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