Jai Vikrranta फिल्म मेकर Sultan Ahmed ने जब सेंसर बोर्ड, फिल्मों में अश्लीलता और महिलाओं की भागीदारी दी थी अपनी बेबाक राय

Sultan Ahmed Opens Up About Censor & Women’s Reservation: 70 और 80 के दशक के जाने माने फिल्म मेकर सुल्तान अहमद अपनी खास तरह की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। सुल्तान अहमद ने दिलीप कुमार और मधुबाला की नायाब फिल्म मुगल-ए-आजम से बतौर सहायक अपने करियर का आगाज़ किया था। मुगल-ए-आजम के निर्देशक के आसिफ के साथ सुल्तान अहमद ने उनकी बाद की फिल्मों में भी सहायक के तौर पर काम किया था। आज सुल्तान अहमद की पुण्यतिथि है। इस मौके पर आइए इस मशहूर फिल्म मेकर को याद करते हुए उनके एक पुराने इंटरव्यू का जिक्र करते हैं। जिसकों उन्होने 90 के दशक में लहरे रेट्रो को दिया था। इस इंटरव्यू में सुल्तान अहमद ने अपनी संजय दत्त के साथ फिल्म जय विक्रांता, आने वाली फिल्में,सेंसर बोर्ड और महिलाओं की भागीदारी पर अपनी बेबाक राय रखी थी।

जानकारी के मुताबिक सुल्तान अहमद को डाकूओं की कहानियों में बहुत रूचि थी। इसलिए उन्होने डाकूओं के जीवन पर कई फिल्में बनाई और ये फिल्में हिट रही थी। इनमें डकैत,जय विक्रांता और दाता जैसी फिल्में शामिल हैं। जिसकी कहानी कहीं न कहीं डकैतों से संबंधित रही है। अपने करियर में सुल्तान अहमद ने कुछ गिनी चुनी मगर सफल फिल्मों का निर्माण किया था। पहले उन्होने 1973 में सुल्तान अहमद ने अपनी पहली फिल्म सुनील दत्त, शत्रुघ्न सिन्हा और आशा पारेख को लेकर हीरा बनाई थी। ये फिल्म सिल्वर जुबली साबित हुई थी। इसके बाद 1978 में अमिताभ बच्चन के साथ गंगा की सौगंध फिल्म का निर्माण किया। ये भी हिट रही फिर 1982 में मल्टी कलाकारों से सजी फिल्म धर्मकांटा बनाई। ये फिल्म भी सफल साबित हुई। सुल्तान अहमद की आखिरी रिलीज फिल्म संजय दत्त के साथ जय विक्रांता थी।

लहरें रेट्रो से बातचीत में सुल्तान अहमद ने जय विक्रांता की रिलीज और संजय दत्त के जेल जाने पर और अपनी दूसरी आने वाली फिल्मों पर विस्तार से बातें की थी और इसके अलावा सेंसर बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते हुए सुल्तान अहमद ने कहा था कि पहले सरकार को संसद में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण देना चाहिए। इसके अलावा सुल्तान अहमद ने फिल्मों में अश्लीलता और डबल मीनिंग गानों पर भी अपनी राय रखी थी और कहा था कि सेंसर बोर्ड को इस पर कैंची जरूर चलानी चाहिए औऱ फिल्म मेकर्स को भी ऐसी फिल्में नहीं बनानी चाहिए, जो समाज और परिवार के साथ बैठकर नहीं देखी जा सके।

सुल्तान अहमद को गुजरे करीब 22 सालों का सफर बीत गया है। सुल्तान अहमद भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वो अपनी फिल्मों के जरिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। सुल्तान अहमद का निधन 22 मई 2002 को तेहरान में हो गया था जब वो ईरान व ईराक की धार्मिक यात्रा पर गए थे। सुल्तान अहमद की वाइफ फराह सुल्तान अहमद अभी भी फिल्मों से जुड़ी हुई हैं।

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