Prem Chopra के कैमियो रोल का एक संवाद कैसा बन गया आइकॉनिक, जानिए इसके पीछे की कहानी

प्रेम चोपड़ा का एक संवाद बहुत ही पॉपुलर है। जिसे आज भी लोग बोलना पसंद करते हैं। यह संवाद है 1973 में रिलीज हुई फिल्म बॉबी का। जिसमें प्रेम चोपड़ा कैमियों के रोल में थे और उस फिल्म में प्रेम चोपड़ा का यही एक संवाद ही था

Prem Chopra Prem Naam Hai Mera: हिंदी सिनेमा के मशहूर खलनायकों का जिक्र जब भी होता है। तो उसमें एक्टर प्रेम चोपड़ा का नाम जरूर शामिल होता है। जिन्होने अपनी शानदार एक्टिंग और खलनायिकी से लोगों का सालों तक डरा रखा था। वैसे प्रेम चोपड़ा के ने छोटे छोटे किरदारों से अपनी पहचान बनानी शुरू की। मनोज कुमार की फिल्म वो कौन थी,शहीद और उपकार जैसी फिल्में की और बाद में उन्होने अपनी पहचान एक विलेन के तौर पर बनाई।

प्रेम चोपड़ा का एक संवाद बहुत ही पॉपुलर है। जिसे आज भी लोग बोलना पसंद करते हैं। यह संवाद है 1973 में रिलीज हुई फिल्म बॉबी का। जिसमें प्रेम चोपड़ा कैमियों के रोल में थे और उस फिल्म में प्रेम चोपड़ा का यही एक संवाद ही था, जो उन्हे बोलना था। लहरें से खास बातचीत में प्रेम चोपड़ा ने बताया कि वो उस वक्त अमिताभ बच्चन व दूसरे सितारों के साथ फिल्मों की शूटिंग में बिजी थे। एक दिन उन्हे हिंदी सिनेमा के पहले शोमैन राजकपूर का फोन आया और उन्होने अपनी फिल्म बॉबी में प्रेम चोपड़ा को काम करने के लिए बात की।

प्रेम चोपड़ा ने राज कपूर का नाम सुनकर तुरंत हां कर दी। लेकिन काफी समय तक उन्हे उनके रोल के लिए न तो कोई स्क्रिप्ट दी गई और न ही उनके रोल की डिटेल्स बताई जा ही थी। एक दिन प्रेम चोपड़ा ने जब राज कपूर से इसके बारे में पूछा,तब उन्होने कहा कि चिंता मत करो सब बता दूंगा। राज कपूर ने इसके बाद कहानी का नैरेशन किया कि आप पेपर में पढ़ते हैं कि लड़का लड़की भाग रहे होते हैं। उन पर इनाम रखा गया है। तुम्हे उनको पकड़ना है। और बोलना है कि प्रेम नाम है मेरा…प्रेम चोपड़ा बस। इतना सुनकर प्रेम चोपड़ा घबड़ा गए, बोले बस इतना ही, फिर उन्होने प्रेमनाथ से पूछा, पूरी फिल्म में इतना ही संवाद बोलना है। तब प्रेमनाथ ने कहा कि तुम चिंता मत करो, ये संवाद तुम्हारा सुपर हिट होगा और फिल्म भी।

फिल्म की रिलीज के बाद आलम ये था कि यही संवाद लोग बोल रहे थे। ये देख प्रेम चोपड़ा काफी खुश हुए। इतना ही नहीं, जब कभी प्रेम चोपड़ा विदेश जाते, तो यहीं संवाद लोग बोलने के लिए कहते थे। तो ये थी इस संवाद के कामयाब होने की कहानी। 1973 में रिलीज हुई फिल्म बॉबी जबरदस्त हिट रही थी और इस फिल्म की कामयाबी ने राजकपूर को एक नई उम्मीद दी क्योकि मेरा नाम जोकर के फ्लॉप होने के बाद वो निराश हो गए थे।

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