Amitabh Bachchan का फिल्म Don को लेकर बड़ा खुलासा, बोले तब लोगों को इस फिल्म का टाइटल नहीं था पसंद क्योंकि….

बिग बी के मुताबिक जब फिल्म का नाम डॉन रखा गया, तो हिंदी सिनेमा के बहुत से लोगों के ये टाइटल पसंद नहीं आया था और सभी इसका मजाक उड़ा रहे थे

Amitabh Bachchan’s Big Revealation On The Don Movie: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अक्सर अपने सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और अपने फैन्स से रूबरु होते रहते हैं। सोशल मीडिया के अलावा कुछ बातें वो अपने ब्लॉग पर भी लिखते हैं। जिसे लोग बहुत ही उत्साह के साथ पढ़ना पसंद करते हैं। अमिताभ बच्चन जो कि पिछले करीब 5 दशकों से लोगों का मनोरंजन करते आ रहे हैं। हाल ही में अपने ब्लॉग के जरिए 1978 में रिलीज ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन के शीर्षक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बिग बी के मुताबिक जब फिल्म का नाम डॉन रखा गया, तो हिंदी सिनेमा के बहुत से लोगों के ये टाइटल पसंद नहीं आया था और सभी इसका मजाक उड़ा रहे थे।

सदी के महानायक ने अपने ब्लॉक पर इस बारे में खुलासा करते हुए लिखा है कि जब उन्हे लेकर फिल्म डॉन की घोषणा की गई। तो अधिकतर लोगों को इस फिल्म के टाइटल से समस्या थी। उन्होने आगे लिखा कि उस जमाने में Down नाम से अंडरगारमेंट (बनियान और चढ्ढी) प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध था। तो लोग दोनों के नामों में फर्क नहीं कर पा रहे थे और ये कहकर हंस रहे थे कि फिल्म का नाम एक अंडरगारमेंट प्रोडक्ट पर रखा है, लेकिन लोगों को तब Don के टाइटल की महत्ता समझ में नहीं आई थी। बहरहाल फिल्म मेकर्स ने इसकी परवाह किए बगैर ये फिल्म इसी नाम से बनाई और रिलीज हुई। रिलीज के बाद की कहानी को बताने की जरूरत नहीं है।

वैसे बात जब इस फिल्म की हो रही है, तो इससे जुड़ा एक और तथ्य आपको बताते चले कि इस फिल्म का निर्माण उस समय के मशहूर सिनेमैटोग्राफर टर्न प्रोड्यूसर नरिमन ईरानी की मदद करने के लिए किया गया था। नरिमन ईरानी ने 1972 में सुनील दत्त को लेकर एक फिल्म जिंदगी जिंदगी बनाई थी, जो कि फ्लॉप हो गई थी। इसके बाद वो आर्थिक तंगी का शिकार हो गए। फिल्म रोटी कपड़ा और मकान की शूटिंग के समय कुछ लोगों जिसमें प्राण,जीनत अमान,सहायक निर्देशक चंद्र बारोट आदि ने तय किया कि नरिमन की मदद के लिए क्यों न एक फिल्म बनाई जाए। उससे जो कमाई होगी,उन्हे दे दी जाएगी।

फिर सभी ने मिलकर लेखक जोड़ी सलीम जावेद से संपर्क किया। सलीम जावेद ने उस वक्त एक रफ पड़ी स्टोरी की स्क्रिप्ट इस टीम का थमा दी जिसका टाइटल डॉन था। इसके बाद नरिमन ईरानी और पूरी टीम ने मिलकर इसे फाइनल किया एक फिल्म की शूटिंग शुरू कर दीष। निर्देशन की कमान चंद्रा बारोट को सौंपी गई। फिल्म थोड़ा थोड़ा करके तीन से चार सालों में शूट की गई। फिल्म जब रिलीज होने को थी। तभी नरिमन ईरानी की एक हादसे में मौत हो गई। बावजूद इसके सभी ने मिलकर फिल्म डॉन को रिलीज करने का फैसला किया,लेकिन इससे पहले फिल्म को मनोज कुमार को दिखाया गया। मनोज कुमार ने फिल्म देखने के बाद कहा कि फिल्म बहुत टाइट है। इसमें एक गाना शामिल किया जाना चाहिए।

बहरहाल 12 मई 1978 को फिल्म बिना किसी प्रमोशन के चुपचाप रिलीज कर दी गई। पहले हफ्ते में ही फिल्म को फ्लॉप घोषित कर दिया गया। ऐसे में लोगों की चिंताएं बढ़ गई। इसके बाद मनोज कुमार की सलाह लोगों को याद आई फिल्म में खइके पान बनारस वाला गाना शामिल किया गया। फिर दूसरे हफ्ते में फिल्म ऐसा चली कि ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इससे हुए कमाई को फिर नरिमन ईरानी की विधवा पत्नी को सौंप दिया गया। तो ये थी फिल्म डॉन बनने की पूरी कहानी। उम्मीद है आपको जरूर पसंद आई होगी।

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