When Nargis Dutt Tried To Kill Herself: हिंदी सिनेमा के पहले शो मैन राजकपूर और नरगिस ने मिलकर कई शानदार फिल्में दी हैं। एक समय हिंदी सिनेमा के सबसे कामयाब जोड़ी बनकर ये जोड़ी उभरी थी। शायद इसीलिए दोनों के अफेयर को लेकर खबरें भी उस वक्त खूब मीडिया में हेडलाइन्स बनी रहती थी। नरगिस दत्त भी इस तरह की खबरों और राज कपूर के परिवार में आ रहे बिखराव की वजह से परेशान रहा करती थी। वो नहीं चाहती थी कि उनकी वजह से किसी का परिवार टूट जाए। फिर परिवार को बचाने के लिए ही राज कपूर ने भी नरगिस से किनारा करना शुरू कर दिया था।
राज कपूर से ब्रेकअप के बाद नरगिस काफी दुखी और परेशान रहती थी। किशवर देसाई ने अपनी बुक डार्लिंग जी के में इस बारे में जिक्र किया है। इस बुक के मुताबिक नरगिस ने कई बार उस दरम्यान सुसाइड के बारे में सोचा था।पर उसी दौर में उनकी मुलाकात अभिनेता सुनील दत्त से हो गई। मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान हुए हादसे ने सुनील दत्त और नरगिस को और करीब ला दिया। नरगिस को उस वक्त किसी का सहारा चाहिए था और फिर सुनील दत्त एक मसीहा के रूप में नरगिस के जीवन में आए और शादी कर उन्हे नया जीवन दिया था।
शादी के बाद दोनों काफी खुश थे। फिर कुछ समय के बाद दोनों के आंगन में बच्चों की किलकारियां गूंजने लगी और उदास नरगिस का जीवन बच्चों के आने से संवर गया। एक तरफ नरगिस बच्चों के पालने में बिजी थी। तो दूसरी तरफ सुनील दत्त धीरे धीरे अभिनय से राजनीति की तरफ बढ़ रहे थे। बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म की रिलीज डेट काफी करीब थी। पर वक्त को ये मंजूर नहीं था कि वो बेटे की फिल्म को देख सके। नरगिस कैंसर से ग्रसित हो गई। हालाकि उन्हे बचाने की हर संभव कोशिश सुनील दत्त ने की लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।
नरगिस दत्त को पैनक्रियाटिक कैंसर बताया गया। जब वो बीमार हुई थी, तो उस वक्त वो राज्यसभा की सदस्य थी। अमेरिका में उनका इलाज हुआ। वो वापस आई और फिर बीमार हो गई। उन्हे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां वो कोमा में चली गई। फिर 3 मई 1981 को उनका निधन हो गया। 7 मई को संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी का प्रीमीयर था। नरगिस के सम्मान में थियटर की एक सीट खाली छोड़ दी गई थी। बाद में सुनील दत्त ने नरगिस की याद में एक कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की। जो कैंसर से ग्रसित मरीजों की मदद करता है।