कभी पेट भरने के लिए साड़ी में फॉल लगाते थे Bhansali, गरीबी में बीता बचपन, आज फिल्म इंडस्ट्री के सबसे ‘रईस’ Director

भंसाली बचपन से ही निर्देशन के शौकीन थे। उन्होंने सबसे पहले टीवी सीरियल 'भारत की खोज' पर काम किया जो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' पर आधारित था।

जब भी हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन निर्देशक की बात होती है तो इसमें जाने-माने निर्देशक संजय लीला भंसाली का नाम जरूर सामने आता है। जी हां.. संजय लीला भंसाली एक ऐसे फिल्ममेकर है जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी। उन्होंने न केवल डायरेक्टर के रूप में अपना नाम कमाया बल्कि वह एडिटर, स्क्रीन राइटर, प्रोड्यूसर और म्यूजिक कंपोजर के तौर पर भी मशहूर है। इतना ही नहीं बल्कि संजय लीला भंसाली अब तक कई अवार्ड भी अपने नाम हासिल कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया। उनका बचपन गरीबी में बिता। एक समय पर पेट भरने के लिए वह साड़ियों में फॉल लगाया करते थे। आज 24 फरवरी को निर्देशक का जन्मदिन है। तो ऐसे खास मौके पर चलिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ अनसुने राज…

रग-रग में था निर्देशन का शौक
24 फरवरी 1963 को मुंबई में जन्मे संजय लीला भंसाली का बचपन गरीबी में बीता। जी हां.. उनकी जिंदगी कोई आलीशान नहीं थी। वह अपने माता-पिता के साथ एक चॉल में रहा करते थे जहां पर उनकी मां कपड़े सिलकर गुजारा करती थी। ऐसे में संजय लीला भंसाली भी अपनी मां की मदद करवाने के लिए साड़ी में फॉल लगाया करते थे जिससे उनका घर का गुजर बसर होता था। भंसाली बचपन से ही निर्देशन के शौकीन थे। दरअसल संजय लीला भंसाली के पिता नवीन भंसाली भी प्रोड्यूसर हुआ करते थे। उन्होंने साल 1958 में ‘जहाजी लुटेरा ‘जैसी फिल्मों का निर्माण किया था। यही वजह थी कि संजय लीला भंसाली के रग-रग में निर्देशन था और उन्होंने बतौर एडिटर अपने करियर की शुरुआत की।

ऐसे शुरु हुआ करियर
उन्होंने सबसे पहले टीवी सीरियल ‘भारत की खोज’ पर काम किया जो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ पर आधारित था। इसके बाद उन्होंने सिनेमा को अच्छी तरह से जानने के लिए विधु विनोद चोपड़ा के साथ असिस्टेंट बनकर काम किया। उन्होंने इस दौरान फिल्म ‘परिंदा’ को असिस्ट किया।

इसके बाद उन्होंने ‘1940 लव स्टोरी’ की कहानी लिखी। इसके बाद संजय लीला भंसाली ने बतौर डायरेक्टर फिल्म ‘खामोशी द म्यूजिकल’ से अपने करियर की शुरुआत की। फिल्म में मनीषा कोइराला, सलमान खान, नाना पाटेकर जैसे बड़े-बड़े कलाकार नजर आए थे। वैसे यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई लेकिन संजय लीला भंसाली का नाम सुर्खियों में आ गया।

इस फिल्म ने चमकाई किस्मत
इसके बाद संजय लीला भंसाली लेकर आए फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’। फिल्म में सलमान खान, अजय देवगन और ऐश्वर्या राय नजर आए थे। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडा गाढ़ दिए थे। इतना ही नहीं बल्कि संजय लीला भंसाली को इस फिल्म ने इंडस्ट्री के बड़े डायरेक्टर की लिस्ट में शामिल कर दिया। दिलचस्प बात यह थी कि, इस फिल्म की कहानी संजय लीला भंसाली ने ही लिखी थी और उन्होंने डायरेक्ट भी की थी। साथ ही वह फिल्म के प्रोड्यूसर भी रहे थे।

इसके बाद संजय लीला भंसाली ने ‘देवदास’ फिल्म बनाई जो भी बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई। इसके बाद उन्होंने ‘ब्लैक’, ‘राउडी राठौर’, ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘पद्मावत’, ‘मैरी कॉम’, ‘रामलीला’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जैसी फिल्मों से इंडस्ट्री में बड़ी सफलता हासिल की।

करोड़ों के मालिक हैं भंसाली
बता दें, संजय लीला भंसाली को अपने करियर में 7 नेशनल अवार्ड मिल चुके हैं। इसके अलावा वह 12 फिल्मफेयर अवार्ड भी अपने नाम कर चुके हैं। उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। जहां एक समय पर संजय लीला भंसाली पेट भरने के लिए छोटे-मोटे काम किया करते थे तो आज वह करोड़ों की दौलत के मालिक है। वह एक फिल्म के माध्यम से करोड़ों की कमाई करते हैं। एक रिपोर्ट के माने तो वर्तमान में संजय लीला भंसाली इंडस्ट्री के सबसे रईस डायरेक्टर में से एक है। उनकी नेटवर्थ करीब 940 करोड़ के आसपास बताई जाती है।

ये भी पढ़ें: B’Day: पिता संग LipLock से Boyfriend का करियर बर्बाद करने तक, फिल्मों से ज्यादा विवादों में रहीं Pooja Bhatt!

ताज़ा ख़बरें