Dalip Tahil says Qayamat Se Qayamat Tak was a big risk: 80 के दशक का अंत होने वाला था और इसी समय बॉलीवुड एक आने वाले सुपरस्टार आमिर खान की डेब्यू फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ रिलीज हो रही थी। आमिर खान की यह फिल्म साल 1988 में रिलीज हुई थी। लेकिन इस वक्त अमिताभ बच्चन अपने चरम पर थे और सिर्फ उन्हीं की ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर चल रही थी। परंतु फिर आमिर की एक लव-स्टोरी वाली फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ और बॉक्स ऑफिस पर छा गई। लेकिन इस फिल्म को उस वक्त बनाना काफी रिस्क वाला काम था।
इस फिल्म में आमिर के पिता का रोल निभाने वाले दलीप ताहिल ने बताया है कि उस वक्त आमिर खान को कोई जानता भी नहीं था और इस तरह की फिल्म बनाना एक बड़ा रिस्क था। दलीप ने राजश्री अनप्लग्ड को दिए एक इंटरव्यू में इस फिल्म से जुड़ी कुछ यादें साझा करते हुए कहा कि, कयामत से कयामत के बाद लोग मुझे पहचानने लगे थे। इस फिल्म का अनुभव बहुत बढ़िया रहा। कयामत से कयामत तक इसीलिए महत्वपूर्ण फिल्म हैं, क्योंकि उस जमाने में बच्चन साहब (अमिताभ बच्चन) का ही जमाना था। उस टाइम पर तो वो सुपर वन तो और इंडस्ट्री पर राज कर रहे थे, उनकी ही फिल्में चल रहीं थी और आपको मालूम हैं उनका जॉनर किया था। तो उस माहौल में एक छोटी सी लव-स्टोरी बनाना, बहुत मतलब हिम्मत की बात थी। और शूटिंग हो रही थी किसी को कुछ था नहीं आमिर फिल्म में काफी घुसे रहते थे और एक फैमिली वाला माहौल होता था।
इसके अलावा दलीप ने यह भी बताया कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान आमिर को कोई जानता भी नहीं था और उस समय दलीप को लोग जानते थे। दलीप ने कहा कि, उस समय मेरी बुनियाद रिलीज हुई थी और लोग मुझे पहचानते थे। एक बार हम शूटिंग कर रहे थे, तो कुछ लोगों ने बुनियाद देखी हुई थी तो मेरे पास आए और कहा सर आपका ऑटोग्राफ दे दीजिए। और पूछने लगे कि कौन सी फिल्म बन रही है? तो मैंने कहा ‘कयामत से कयामत तक’, तो उन्होंने पूछा कि हीरो कौन है? फिर मैंने कहा कि यह बैठा है आमिर खान और फिर उसका ऑटोग्राफ लिया उन्होंने।’’