Anuradha Paudwal ने मां काली के साथ अपनी बातचीत के कई अनुभवों को किया साझा, बोलीं मां काली ने मुझे खुद आकर बताया कि मुझे कहां रहना है

बॉलीवुड की प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल ने मां काली के साथ अपने जीवंत अनुभवों को बताया है, जब मां काली ने खुद आकर उन्हें कई समास्यों से बाहर निकाला है।

Anuradha Paudwal On Her Live Experiences With Maa Kali: बॉलीवुड की वर्सेटाइल सिंगर अनुराधा पौडवाल जोकि अपनी भक्ति सॉन्ग्स और भजन गीतों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। जब भी देश में नवरात्र मनाएं जाते हैं, तो अनुराधा पौडवाल के भजन गीतों को जरूर बजाया जाता है। अनुराधा खुद मां काली एक बहुत बड़ी भक्त हैं। अनुराधा का मां काली से इतना लगाव है कि मां काली ने खुद उन्हें आकर कई बार-बार उनके जीवन को लेकर कई सलाहें दी है। अनुराधा को कई बार मां काली का जीवंत अनुभव हुआ है।

अनुराधा ने हाल ही में प्रीतिका राव के पॉडकास्ट में मां काली से जुड़े अपने जीवंत अनुभवों का खुलासा किया है। अनुराधा कैसे मां काली की भक्त बनीं इसके बारे में बताते हुए गायिका ने कहा कि, ‘’यह बात साल 1983 की है, मेरी चंद्रा नाम की एक बेटी थी वो एक प्रीमैच्योर बेवी थी जिसका एक महीने की कम उम्र में ही निधन हो गया था। इस दौरान मैं काफी डिप्रेशन में चली गई थी। मैं जब भी अपने सॉन्ग्स की रिकॉर्डिंग के लिए जाती थी, तो मैं काफी दुखी रहती थी। तो इसी दौरान मुझे दखिनाबाबू मिले जिन्होंने मुझे कलकत्ता के मां काली के मंदिर में जाने की सलाह दी। तो मैंने उन्हें कहा कि मैं तो हमेशा मां काली के मंदिर जाती हूं,तो उन्होंने पूछा कि कौन से वाले में जाती हो। मैंने कहा कि कालीघाट, इसपर उन्होंने मुझे कहा कि अबकी जब वहां जाना तो मां काली के  दक्षिणश्वेर मंदिर में भी जाना, और मां से कहना है कि मैं अब तुम्हारे पास आ गई हूं। इसके बाद मैं वहां गई और मुझे पहली बार मां काली के दर्शन हुए और उसके बाद से मैं उनसे काफी कनेक्ट हो गई।’’

अनुराधा ने मां काली के साथ अपने एक जीवंत अनुभव के बारे में बताया, जब मां काली ने खुद उन्हें आकर बताया कि सिंगर को कहां पर घर लेना है। अनुराधा ने कहा कि, ‘’मैं काफी दिनों से सेंट्राक्रूज में रह रही थी और मैं खार में शिफ्ट होना चाहती थी। मुझे एक विजन दिखा और मां काली की आवाज सुनाई दी। मां काली ने मुझे जगह दिखाई और बोला कि वहां पर भी एक मेरा एक घर है।’’

इसके अलावा अनुराधा ने यह भी बताया कि दिवंगत गुलशन कुमार ने भी उन्हें मां एक काली एक बड़ी मूर्ति दी थी, जिसका अनुराधा प्राण प्रतिष्ठा करने वाली थी। लेकिन मां काली ने उन्हें आकर बताया कि प्राण प्रतिष्ठा करने की जरूरत नहीं है।

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