Anil Kapoor Woh Saat Din completes 40 years: अनिल कपूर की फिल्म ‘वो सात दिन’ को 40 साल पूरे हो गए हैं। इस फिल्म को 23 जून 1983 को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था। यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई थी। यह अनिल की पहली फिल्म थी, जिसमें वे बतौर हीरो लॉन्च किए गए थे। इस फिल्म में अनिल ने जिस तरह से प्रेम प्रताप सिंह पाटियाले वाले का किरदार निभाया था, शायद ही कोई एक्टर निभा पाता। यह बॉलीवुड एक ऐसी फिल्म में है, जिसमें प्रेम का सही मतलब दिखाया गया है।
इस फिल्म से पहले बॉलीवुड की कई रोमेंटिक फिल्में आईं, जिसमें फिल्म का हीरो, हीरोइन के पीछा करता हुआ नजर आता था। फिल्म में हीरो गाना गाकर हीरोइन को परेशान करता था और अपने प्यार का इजहार करता था। लेकिन ‘वो सात दिन’ का नायक बॉलीवुड के परंपरागत नायकों से अलग था, इस फिलम के नायक ने बताया कि प्रेम से ऊपर देश की सभ्यता और संस्कार हैं।
इस फिल्म में एक सीन हैं जहां पर डॉ आनंद (नसीरुद्दीन शाह) प्रेम प्रताप सिंह (अनिल कपूर) से कहते हैं कि वे अपनी पत्नी (जोकि पूर्व में प्रेम प्रताप की प्रेमिका रह चुकी है) को तलाक दे देंगे और प्रेम को उसे सौंप देंगे। इसपर पर प्रेम का एक बहुत प्यारा जवाब होत है और वो कहता है कि, ‘’जी तलाक तो विदेशों में होता, भारत में नहीं। हमारे देश की एक सभ्ययता है और संस्कार हैं। अगर मैंने माया से शादी कर भी ली तो यह बहुत बड़ा पाप होगा, क्योंकि इस मंगलसूत्र की पवत्रिता खत्म हो जायेगी।’’
आगे प्रेम का सबसे बढ़िया जवाब होता है और वह कहता है कि, ‘’हमारी प्रेमिका किसी की पत्नी तो हो सकती है, पर किसी की पत्नी हमारी प्रेमिका नहीं हो सकती।’’ इस डायलॉग से जिस तरह सच्चे प्रेम की व्याख्या की गई, वो शायद ही किसी फिल्म में की गई हो। इस फिल्म का नायक अपने संस्कार के आगे अपने प्रेम को भी कुर्बान करने के लिए तैयार है। इसीलिए यह बॉलीवुड की रोमेंटिक फिल्मों में से सबसे बेस्ट फिल्म है।