Salim-Javed On Amitabh Bachchan Ideal Casting: हिंदी सिनेमा की स्टार लेखक जोड़ी ने हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्म हाथी मेरी साथी को लिखकर राजेश खन्ना को हिट फिल्म दी थी। हाथी मेरी साथी के बाद सीता और गीता, इसके बाद शोले जैसी फिल्मों की लाजवाब कहानियां इस जोड़ी ने लिखी और अमिताभ बच्चन के साथ पहली बार इस जोड़ी ने प्रकाश मेहरा की जंजीर में काम किया। इस फिल्म को पहले कई हीरोज ने रिजेक्ट कर दिया था। जिसमें धर्मेंद्र से लेकर राज कुमार,राजेश खन्ना और यहां तक कि देव आनंद भी इस फिल्म को ठुकरा चुके थे। बाद में जब अमिताभ बच्चन के पास ये फिल्म आई, तो कमाल ही हो गए। इस फिल्म की कामयाबी ने हिंदी सिनेमा को एक नया सितारा दिया।
फिल्म जंजीर की कामयाबी के साथ अमिताभ बच्चन के साथ फिर सलीम जावेद ने दीवार, शोले, शान.त्रिशूल,डॉन,काला पत्थर,दोस्तान और शक्ति जैसी शानदार और ब्लॉकबस्टर फिल्में दी। जंजीर के 25 साल पूरे होने पर इस लेखक जोड़ी से लहरें ने खास बातचीत की थी। जिसको आप लहरें पोडकास्ट के नये एपिसोड में देख सकते हैं। इस लेटेस्ट पोडकास्ट में सलीम जावेद ने अमिताभ बच्चन की आइडियल कास्टिंग और सफल फिल्मों को लेकर विस्तार से बातें की थी। लेखक जोड़ी के सलीम खान ने अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन की कास्टिंग एक दम सही थी।
सलीम खान ने इस पर आगे बात करते हुए कहा कि किसी भी फिल्म की सफलता के लिए आइडियल कास्टिंग जरूरी है। फिल्म दीवार का हवाला देते हुए सलीम खान ने बताया कि इसके लिए प्रोड्यूसर की पहली पसंद राजेश खन्ना थे और करीब करीब उन्हे कास्ट भी कर लिया गया था। पर जब फिल्म की आइडियल कास्टिंग की बात आती है, तो राजेश खन्ना उसमें परफेक्ट नहीं बैठ रहे थे। दीवार के उस रोल को अमिताभ बच्चन के अलावा और कोई कर ही नहीं सकता था। फिल्म में उनकी कास्टिंग के बाद की कहानी किसी को बताने की जरूरत नहीं है। यदि बिग बी जंजीर के 25 साल बाद ये कह रहे हैं कि उनकी जगह कोई भी होता तो फिल्म कामयाब हो जाती, ये उनका बड़प्पन है, पर उनकी इस राय से मैं इत्तेफाक नहीं रखता हूं।
अमिताभ बच्चन की सफलता को लेकर जावेद अख्तर ने इसी बातचीत में बताया कि एंग्री यंग मैन की छवि जंजीर या फिर दीवार जैसी फिल्म से नहीं बनी है। उनकी एक और फिल्म थी जिसका जिक्र नहीं होता है। इस बारे में आगे जावेद साहब ने बात करते हुए कहा कि जया बच्चन के साथ एक फिल्म रिलीज हुई थी मिली, जिसमें अमिताभ बच्चन के किरदार को कोई याद नहीं करता, ये फिल्म भी एंग्री यंग मैन के छवि को उजागर करती है। इसके अलावा राजश्री की सौदागर, जिसमें वो नूतन और पदमा खन्ना के साथ नजर आए थे। इस फिल्म की भी कभी तारीफ नहीं हुई है। दरअसल मिली और सौदागर एंग्री यंग मैन की छवि को उजागर करने का काम किया था।