Rajesh Khattar Take On AI In Dubbing: फिल्म अभिनेता राजेश खट्टर ने यूं तो 90 के दशक से अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत कर ली थी। आइना व सूर्यवंशम से शुरू होकर ये जर्नी अभी तक जारी है। एक शानदार एक्टर के साथ ही साथ राजेश खट्टर एक स्क्रीन राइटर और बेहतरीन डबिंग आर्टिस्ट भी हैं। राजेश खट्टर ने अब तक अपने करियर में सैकड़ो फिल्मों में हिंदी डबिंग अर्टिस्ट के रूप में काम किया है। वो कई हॉलीवुड की फिल्मों के प्रमुख किरदारों को हिंदी में डब कर चुके हैं। हाल ही में राजेश खट्टर ने लहरें रेट्रो के लिए सीनियर पत्रकार भारती एस प्रधान से खास बातचीत की है। जिसमें खट्टर ने अपने फिल्मी करियर व डबिंग को लेकर विस्तार से बातें की हैं। साथ ही एक्टर ने डबिंग के क्षेत्र में बढ़ते एआई के दबदबे पर चिंता जाहिर की है और कहा कि आने वाले दिनों में एआई 85 फीसद डबिंग का काम खुद करेगी। इससे डबिंग आर्टिस्ट के करियर पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
राजेश खट्टर ने अपनी इस बातचीत में आगे कहा कि अब दूसरे क्षेत्र की तरह ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रभाव डबिंग पर भी पड़ रहा हैं। रिपोर्ट्स की माने को एनिमेशन व दूसरे डबिंग कार्यों पर अब एआई का कब्जा हो चुका है और आगे चल करीब 85 फीसद डबिंग का काम एआई ही करेंगी। मनुष्य डबिंग आर्टिस्ट को काम सिर्फ 15 फीसद ही मिलेगा और ये काम वहीं मिलेगा, जहां इमोशन से जुड़ी बातें होगी। क्योंकि एआई अभी इमोशन वाली फीलिंग नहीं दे पा रहा है। आगे उन्होने ये भी कहा कि वो अपने कॉन्ट्रैक्ट में इस बात का क्लॉज भी बनवा रहे हैं कि उनकी आवाज़ का इस्तेमाल एआई को ट्रेन करने के लिए नहीं किया जाएगा।
राजेश खट्टर के साथ इस इंटरव्यू को आप लहरें पोडकास्ट पर देख सकते हैं। इसी इंटरव्यू में राजेश खट्टर ने रॉयलटी पर भी बात की है। इस पर उन्होने कहा है कि अगर गीतकार, लेखक व संगीतारों की तरह ही डबिंग आर्टिस्टों को भी रॉयलटी का पैसा मिलने लगे, तो उनकी आने वाली सात पुश्तों को काम नहीं करना पड़ेगा और उनका भविष्य भी संवर जाएगा। इसी पर आगे बात करते हुए खट्टर ने जोर देकर कहा कि जितना बिजनेस उन फिल्मों ने किया है जिसमें उन्होने आवाज़ दी है और उसके मुताबिक उन्हे मेहनताना मिलने लगे, तो फिर सिर्फ उनका ही नहीं, सारे डबिंग आर्टिस्ट का भविष्य संवर जाएगा। पूरा इंटरव्यू देखने के लिए इस लिंक को क्लिक कर सकते हैं।