Laapataa Ladies vs. Veer Sawarkar Oscar Controversy: सोमवार को किरण राव की पुरस्कृत फिल्म लापता लेडीज को 2025 अकादमी पुरस्कारों के लिए भारत की ओर से आधिकारिक रूप से चुना गया था और इसकी खबर सुनते ही इस फिल्म से जुड़े लोग सेलीब्रेशन में डूब गए। फिल्म के कलाकारों के भी रिएक्शन आने लगे। फिल्म को अब दुनिया भर की फिल्मों के साथ सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म पुरस्कार के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की उम्मीद है। हालांकि मंगलवार को भ्रम की स्थिति तब पैदा हो गई जब फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि उनकी रणदीप हुड्डा अभिनीत स्वातंत्र्य वीर सावरकर को ऑस्कर के लिए भेज दिया गया है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है इसका विवाद।
स्वातंत्र्य वीर सावरकर के प्रोड्यूसर की पोस्ट से कंफ्यूजन:
हालांकि स्वातंत्र्य वीर सावरकर को ऑस्कर के लिए स्वतंत्र रूप से भी प्रस्तुत किया जा सकता है, पर भारत की ‘आधिकारिक’ प्रविष्टि के रूप में नहीं। निर्माता संदीप सिंह का दावा है कि इसे ‘आधिकारिक तौर पर’ ऑस्कर के लिए प्रस्तुत किया गया था, जिससे भ्रम पैदा हुआ। इसके अलावा सिंह ने एफएफआई और जूरी के अध्यक्ष जाहनू बरुआ को धन्यवाद दिया, जिससे कई लोगों को लगा कि यह वास्तव में एफएफआई द्वारा चुना गया था। हालांकि हिंदुस्तान टाइम्स सिटी के साथ बातचीत में एफएफआई के अध्यक्ष रवि कोट्टाकारा ने स्पष्ट किया कि सावरकर के निर्माताओं ने इस सिलसिले में गलत खबरें प्रसारित की है। आधिकारिक तौर पर भारत से ऑस्कर के लिए केवल लापता लेडीज को भेजा गया है।
क्या एक साथ दो फिल्मों को मिल सकती है ऑफिसिलय एंट्री:
किसी भी देश से सिर्फ एक ही फिल्म अकादमी पुरस्कारों के लिए ऑफिसियल एंट्री पा सकती है। इसलिए कोई पूछ सकता है कि दो फिल्मों को ऑस्कर के लिए कैसे प्रस्तुत किया जा सकता है जबकि अकादमी प्रत्येक देश से केवल एक को अनुमति देती है। इसके लिए ये कहा गया है कि फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों को स्वतंत्र प्रविष्टियों के रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं। ठीक ऐसा ही 2022 में हुआ था जब गुजराती फिल्म चेलो शो (लास्ट फिल्म शो) भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी, लेकिन एसएस राजामौली की ब्लॉकबस्टर आरआरआर को स्वतंत्र रूप से प्रस्तुत किया गया था।
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