जल शोधकर्ता प्रवीण महाजन ने कहा कि पूर्व-पश्चिम विदर्भ को जोड़ने वाली वैनगंगा-नलगंगा नदी संगम परियोजना विदर्भ की सबसे बड़ी परियोजना होगी।
गोदावरी जल विवाद मध्यस्थता के अनुसार, महाराष्ट्र को विदर्भ के विकल्प के रूप में गोसीखुर्द परियोजना तक उपलब्ध पूरे पानी का उपयोग करने की अनुमति है। अगर हम इस पानी को बिना इस्तेमाल किए नदी में छोड़ देते हैं, तो हम इस जल का अधिकार खो देंगे। इन योजनाओं को गोसीखुर्द से बचा हुआ पानी खींचकर वैनगंगा से नलगंगा की ओर मोड़कर साकार किया जाना चाहिए। इस परियोजना की मांग प्रवीण महाजन ने 3 नवंबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की थी।
प्रवीण महाजन के बयान को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए गए हैं. जल संसाधन विभाग ने 20 फरवरी 2015 को कार्यकारी निदेशक, विदर्भ सिंचाई विकास निगम, नागपुर को परियोजना पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
विदर्भ के पूर्वी और पश्चिमी छोर को जोड़ने वाली परियोजना की लंबाई 426.5 किमी है। यदि यह परीयोजना साकार कियी जाती, तो परियोजना से विदर्भ के छह जिलों अर्थात् नागपुर, वर्धा, यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलडाणा के कुल 3 लाख 71 हजार 277 हेक्टर कृषि क्षेत्र को लाभ होगा। सैकड़ों गांवों को पीने का पानी मिलेगा, इसके अलावा, व्यवसाय वहां आएंगे और लगभग 6-7 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेंगे। योजना की लागत 53,752 करोड़ रुपये है और वित्तीय रिटर्न 9.50 है, जो परियोजना को वास्तविकता बनाने के लिए पर्याप्त है। इस योजना का लाभक्षेत्र नागपुर जिले में 3,71,277 हेक्टर, 92,326 हेक्टर, वर्धा जिले में 56,646 हेक्टर, अमरावती जिले में 83,571 हेक्टर, यवतमाल जिले में 15,895 हेक्टर, अकोला जिले में 84,625 हेक्टर, बुलडाना जिले में 38,214 हेक्टर और अप्रत्यक्ष रूप २-३ लाख हेक्टर बढेगा. यह बात प्रवीण महाजन ने कही।
इस परियोजना का अध्ययन पिछले पांच वर्षों से चल रहा था, इस नदी परियोजना में पानी की उपलब्धता सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा था, जिसके बाद सभी बाधाओं को दूर कर दिया गया है और यह परियोजना का डीपीआर राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी द्वारा बनाई
गई है। यह परियोजना जल संसाधन विभाग द्वारा हाल ही में जारी सरकार के आदेश (‘वार-रूम’ ) में शामिल हुयी है, परियोजना को तत्काल प्रशासनिक स्वीकृति दी जानी चाहिए जो की बजट तैयार किया जाणे मे सुरवात होगी, यह कार्य अगले वर्ष से प्रत्यक्ष शुरू होना चाहिए एैसी मांग जल अभ्यासक प्रवीण महाजन ने कियी है।
जल ही जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्व है। पानी की कमी के कारण जो कठीणाई आपण झेल रहे है, उपलब्ध पानी की योजना के अनुसार समाज, प्रदेश, राष्ट्र, विकसित और समृद्ध होता है ।
प्रवीण महाजन ने महाविकास अघाड़ी सरकार को निवेदित किया कि वह वैनगंगा – नलगंगा परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति देकर विदर्भ पर लगे आत्महत्याग्रस्त दाग को हटा दे