UP Legislative Assembly Election: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधान परिषद (Legislative Assembly) की 12 सीटों पर चुनाव का ऐलान कर दिया गया है। दरअसल परिषद की इन 12 सीटों पर निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। इनमें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, विधान परिषद के सभापति रमेश यादव और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल हैं। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी कार्यक्रम के मुताबिक विधान परिषद की इन 12 सीटों पर चुनाव के लिए 11 जनवरी से नामांकन दाखिल करने का काम शुरू होगा और 18 जनवरी तक पर्चे दाखिल किए जा सकेंगे।
30 जनवरी को पूरा हो रहा है कार्यकाल
कार्यक्रम के मुताबिक 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 21 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतदान 28 जनवरी को होगा और उसी दिन शाम को मतगणना भी की जाएगी। बता दें कि विधानसभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित होने वाले 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल आगामी 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। इनमें सपा के सबसे ज्यादा छह सदस्य नेता विपक्ष अहमद हसन, रमेश यादव, आशु मलिक, साहब सिंह सैनी, रामजतन राजभर और वीरेंद्र सिंह शामिल हैं।
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इसके अलावा बीजेपी के दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह और लक्ष्मण आचार्य तथा बसपा के प्रदीप जाटव और धर्मवीर अशोक का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सदस्यता रद्द होने के बाद रिक्त हुई सीट पर भी चुनाव होगा। विशेषज्ञों के अनुसार विधानसभा सदस्यों की संख्या बल के आधार पर बीजेपी इनमें से नौ या 10 सीटें जीत सकती है।
गौरतलब है कि 12 सीटों पर होने वाले चुनाव में विधायक ही वोट देंगे। ऐसे में जिस पार्टी के पास जितने विधायक होंगे उतने ही परिषद सदस्य वो पार्टी जिता पाएगी। विधायकों की संख्या के आधार पर सपा एक सीट जीत लेगी, लेकिन बसपा और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी।
एक सीट ऐसी होगी जिस पर राजनीतिक जोड़तोड़ देखने को मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी पार्टियों के पास अपने विधायक जिताने के बाद सरप्लस वोट बचेंगे। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 12वां विधायक किस पार्टी का चुना जाता है। विधान परिषद के लिए चुने गए विधायकों का कार्यकाल 6 साल का होता है।