Bharatiya Janata Party: कोरोना काल के बाद अब एक के बाद एक चुनाव नजदीक आ रहे है। वही अब 2022 में पंजाब (Punjab) में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में करीब 30 साल बाद ऐसा होने जा रहा है जब भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और अकाली दल (Akali Dal) एक साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने वाले।
दरअसल हुआ यू कृषि के नए कानूनों को लेकर अकाली दल पहले ही भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो चुका है और अब भारतीय जनता पार्टी के महासचिव तरुण चुग ने बयान दिया है कि 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की सभी 117 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने के लिए पूरी तैयारियां शुरू कर दी है। अब ये देखना बहुत ही दिलचस्प होगा आखिर बिना अकाली दल के बीजेपी कितनी सीटों पर राज करेगी।
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तरुण चुग ने बताया कि 19 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पंजाब के 10 जिलों में पार्टी ऑफिस शुरू करने का ऑनलाइन उदघाटन करेंगे और उसके बाद राज्य में 3-4 दिन का दौरा भी करेंगे जिसके दौरान अगले विधानसभा चुनावों को लेकर होने वाली तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। तरुण चुग ने बताया कि भाजपा जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को तैयार करके पंजाब के 23000 बूथों पर संगठन को मजबूत करने जा रही है।
लंबे समय से पंजाब में हर चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल के बीच गठबंधन होता था और दोनो दल मिलकर चुनाव लड़ते आ रहे थे। 1992 से दोनो पार्टियों के बीच गठबंधन था और उस गठबंधन के तहत राज्य की 117 विधानसभा सीटों में से 23 पर भारतीय जनता पार्टी तथा बाकी बची सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ता था, इसी तरह लोकसभा की 13 सीटों में से 3 सीटों पर भाजपा और 10 सीटों पर अकाली दल के प्रत्याशी चुनाव लड़ते थे। लेकिन अकाली दल ने इस साल नए किसान कानून को किसान विरोधी बताते हुए भारतीय जनता पार्टी और एनडीए से नाता तोड़ लिया है। अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने भी पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।