पश्चिम बंगाल पहुंचे Assaduddin Owaisi, बढ़ सकती है Mamata Banerjee की परेशानी

पश्चिम बंगाल में AIMIM के स्टेट सेक्रेटरी जमीरुल हसन ने पत्रकारों को बताया, "ओवैसी बैठक को गुप्त रखना चाहते थे क्योंकि हम आशंकित थे कि राज्य सरकार ने उनके हवाई अड्डे से बाहर निकलने पर रोक लगा सकती है।

Assaduddin Owaisi Reaches West Bengal: पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले इस राज्य में सियासत बेहद गर्म है। एक तरफ जहां राज्य में भाजपा के बढ़ते जनाधार की वजह से ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पहले ही परेशान है, वहीं दूसरी तरफ AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Assaduddin Owaisi) भी उनकी चिंताएं बढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। रविवार को AIMIM सुप्रमी असदुद्दीन ओवैसी अचानक हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ पहुंचे। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यहां उन्होंने मुस्लिम नेता अब्बास सिद्दकी से मुलाकात की और राज्य के हालातों और आने वाले चुनावों पर चर्चा की।

बता दें कि बंगाल चुनाव में AIMIM प्रत्याशियों को उतारने के ऐलान के बाद ये पहला मौका है जब असदुद्दीन ओवैसी राज्य के दौरे पर आए हैं। पश्चिम बंगाल में AIMIM के स्टेट सेक्रेटरी जमीरुल हसन ने पत्रकारों को बताया, “ओवैसी बैठक को गुप्त रखना चाहते थे क्योंकि हम आशंकित थे कि राज्य सरकार ने उनके हवाई अड्डे से बाहर निकलने पर रोक लगा सकती है। कोलकाता हवाई अड्डे से वह सीधे अब्बास सिद्दीकी से मिलने हुगली गए। वह आज दोपहर हैदराबाद के लिए रवाना होंगे।”

पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों के बीच में बड़ा नाम Abbas Siddiqui फुरफुरा शरीफ से ताल्लुक रखते हैं। वो लगातार विभिन्न मुद्दों पर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर हमले बोल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वो चुनाव से पहले अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी लॉन्च कर सकते हैं।

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ओवैसी ने कहा, ‘‘मैं भारत की सियासत का मैं लैला हूं और मेरे मजनूं बहुत हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.’’ एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है कि यह अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करेगी। एआईएमआईएम प्रमुख ने दावा किया कि फुरफुराशरीफ के ‘पीरजादा’ सिद्दिकी का उन्हें समर्थन हासिल है। बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ विख्यात दरगाह है।

बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी वाले एनडीए की जीत में एआईएमआईएम द्वारा सहयोग करने के तृणमूल के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य में उनकी पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसने पांच सीटों पर जीत हासिल की और महागठबंधन ने नौ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि राजग ने छह सीटें जीतीं।

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