Bappi Lahiri Vs Laxmikant Controversy: 1990 के दशक में रिलीज दो गीतों ने भारतीय संगीत में सनसनी पैदा कर दी थी और देखते ही देखते ये दोनों ही गीत युवाओं के दिलों की धड़कन बन गए थे। एक का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और दूसरे गीत को बप्पी लहड़ी ने संगीतबद्ध किया था। इन फिल्मों का नाम हम (1991) और थानेदार था। हम फिल्म का गीत ‘जुम्मा चुम्मा दे दे’ और थानेदार (1990) का ‘तम्मा तम्मा लोगे’ गीत उस समय टॉप 10 गीतों में शुमार था। हम के गीत पर अमिताभ बच्चन और किमी काटकर जबकि थानेदार के गीत पर संजय दत्त और माधुरी दीक्षित का जबरदस्त डांस लोगों को लुभा रहा था।
हम के गाने को फराह खान जबकि थानेदार के तम्मा तम्मा को सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया था। बात यही तक सीमित नहीं थी। इस गाने को लेकर एक तरफ जहां दर्शक दीवाने को रहे थे, वहीं इन दोनों गानों के संगीतकारों पर इन गाने की धुन कॉपी करने का भी आरोप लगा और दोनों ही संगीतकारों में इसे लेकर जुबानी जंग भी शुरू हो गई थी। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लक्ष्मीकांत और बप्पी लाहिड़ी दोनों मीडिया के सामने आए और दावा करने लगे कि पहले ये गाना हमने बनाया। दरअसल ये गाना उस समय के विदेशी सिंगर मोरी कांटे के एक एलबम से प्रेरित होकर दोनों हिंदी संगीतकारों ने अपनी अपनी फिल्मों में लिया था। मजेदार बात ये थी कि दोनों ने एक ही धुन पर दो शानदार गानों की रचना की और दोनों ही गाने यहां बहुत लोकप्रिय हुए।
लहरें ने भी बारी बारी से इस गाने के विवाद को लेकर लक्ष्मीकांत और बप्पी लहड़ी से बातकर सफाई मांगी, तो दोनों ही संगीतकार पहले हमने पहले हमने बनाई की रट लगाए रहे। दोनों ने ही इस गाने को लेकर अपने अपने विचार लहरें से उस वक्त साझा किए थे। ये दोनों ही संगीतकार अब हमारे बीच नहीं है। तो चलिए उस विवाद की याद फिर से ताजा करते हैं और आपको दिखाते हैं जुम्मा चुम्मा और तम्मा तम्मा गाने के विवाद को लेकर लक्ष्मीकांत औऱ बप्पी लहड़ी की प्रतिक्रिया। लक्ष्मीकांत ने बताया कि अगर बप्पी लाहिड़ी ने पहले अपना गाना रिकॉर्ड किया होता, तो कोई आपत्ति नहीं होती।
उन्होंने आगे कहा कि, “हमने 26 जून, 1989 को जुम्मा चुम्मा रिकॉर्ड किया था और एक महीने के भीतर फिल्म उद्योग के हर घर में 200 कैसेट्स पहले से ही उपलब्ध थे। यह कहना गलत है कि गाना नहीं सुना गया था। बहस के दूसरे पक्ष में बप्पी लाहिड़ी ने भी विवाद पर अपना दृष्टिकोण रखा। उन्हें समझ में नहीं आया कि इतना हंगामा क्यों हुआ। बप्पी लाहिड़ी ने कहा कि, ‘मुझे विवाद समझ में नहीं आता। दावों और प्रतिदावों के बावजूद, लक्ष्मीकांत और बप्पी लाहिड़ी के बीच प्रतिद्वंद्विता पूरी तरह से हल नहीं हुई थी। जबकि दोनों पक्ष एक समझौते पर आ सकते हैं या नहीं, एक बात स्पष्ट थी- जुम्मा चुम्मा और तम्मा तम्मा दोनों चार्ट-बस्टर बन गए थे। प्रत्येक गीत ने भारतीय संगीत उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी और आज भी लोकप्रिय है।