Nitish Bharadwaj Divorce: 12 साल बाद टूटी शादी पर महाभारत के ‘कृष्ण’ ने दिया रिएक्शन, कहा- ‘मौत से ज्यादा दर्दनाक होता है तलाक’

2005 में शादी के बंधन बंधने के 12 साल बाद नितीश और स्मिता ने तलाक का फैसला किया और अपनी शादी को खत्म कर दिया। अब, तलाक के 2 साल बाद नितीश भारद्वाज ने स्मिता से अपने अलगाव पर प्रतिक्रिया दी है।

Nitish Bharadwaj Divorce: 90 के दशक में देश का सबसे पसंद किया जाने वाला शो महाभारत (Mahabharat) में भगवान कृष्ण (Krishna) का किरदार निभाने वाले एक्टर नितीश भारद्वाज (Nitish Bharadwaj) सालों बाद भी दर्शकों को बखूबी याद हैं। नितीश भारद्वाज अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर तो चर्चा में रहे ही, साथ ही उनकी पर्सनल लाइफ भी खूब सुर्खियों में रही। नितीश 2019 में अपनी पत्नी और IAS ऑफिसर स्मिता गाते (Smita Gate) से अलग हो गए थे। 2005 में शादी के बंधन बंधने के 12 साल बाद नितीश और स्मिता ने तलाक का फैसला किया और अपनी शादी को खत्म कर दिया। अब, तलाक के 2 साल बाद नितीश भारद्वाज ने स्मिता से अपने अलगाव पर प्रतिक्रिया दी है।

नितीश भारद्वाज और स्मिता गाते की दो जुड़वा बेटियां भी हैं, जो अपनी मां के साथ इंदौर में रह रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तलाक पर बात करते हुए नितीश ने कहा- ‘हां ये सच है मैंने मुंबई की एक फैमिली कोर्ट में सितंबर 2019 में तलाक के लिए अर्जी दी थी। हम क्यों अलग हो गए, मैं इसके पीछे के कारण के बारे में बात नहीं करूंगा। मामला अभी भी कोर्ट में है। मैं बस ये कह सकता हूं कि कभी-कभी तलाक मौत से ज्यादा दर्दनाक होती है, क्योंकि आप टूटे दिल के साथ रहते हैं.’

बताते चल नितीश और स्मिता दोनों की ये दूसरी शादी थी। शादी के कॉन्सेप्ट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए नितीश आगे कहते हैं- ‘मेरा इस कॉन्सेप्ट पर पूरा विश्वास है। लेकिन, मैं इस मामले में बदकिस्मत रहा हूं। आमतौर पर एक शादी के टूटने के कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी यह समझौता ना करने के रवैये के कारण हो सकता है तो कभी-कभी इमोशन्स की कमी के चलते। कभी-कभी अहंकार और सिर्फ अपने बारे में सोचना भी तलाक की वजह हो सकता है.’

‘लेकिन एक परिवार के टूटने पर सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का होता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी माता-पिता की होती है कि उनके बच्चों को उनके फैसले से कम से कम नुकसान हो.’ वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपनी बेटियों के नियमित संपर्क में हैं? जवाब में नितीश कहते हैं- ‘मैं उनसे मिलने या बात करने में सक्षम हूं या नहीं, इसे मैं अपने तक ही रखना चाहता हूं.’

बता दें, 90 के दशक में जब भी नितीश ‘महाभारत’ में ‘कृष्ण’ बने नजर आते, लोग अपने-अपने हाथ जोड़कर बैठ जाते थे। कैलेंडर से लेकर पूजा पोस्टर्स तक में उन्हीं की तस्वीरें होती थीं। एक दौर में लोग उन्हें असल में भगवान कृष्ण समझने लगे थे।

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