बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए फेसबुक की नई पहल के जरिए नेहा धूपिया ने कहा, “रिपोर्ट करें, शेयर नहीं करें!”

बाल शोषण से संबंधित ऑनलाइन कंटेंट सामने आने की स्थिति पर किसी व्यक्ति की क्या वाजिब प्रतिक्रिया होनी चाहिए, इसे लेकर अभिनेत्री नेहा धूपिना ने अपने विचारों को साझा किया। यह पहल फेसबुक कंपनी और नागरिक समाज संगठनों – आरंभ इंडिया इनिशिएटिव, सायबर पीस फाउंडेशन और अर्पण की एक नई पहल का हिस्सा है। यह पहल लोगों को ऐसी सामग्री की रिपोर्ट करने और साझा न करने के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि बच्चों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।

इस साल की शुरुआत में फेसबुक कंपनी ने अवैध बाल शोषण सामग्री का गहन विश्‍लेषण किया ताकि यह समझा जा सके कि लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बाल शोषण से संबंधित सामग्री कैसे और क्यों साझा करते हैं। इसकी रिपोर्ट कंपनी अक्टूबर और नवंबर 2020 में नैशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) को सौंप चुकी है। अध्ययन में यह पाया गया कि इस सामग्री का 90% से अधिक हिस्सा पहले की रिपोर्ट की गई सामग्री के समान या देखने में समान था। और ज्यादा गहराई से विश्लेण करने पर पता चला कि अधिकांश तौर पर ऐसे कंटेंट बच्चों को नुकसान पहुंचाए जाने की मंशा के बिना साझा किए जा रहे थे। अध्ययन से मिली इन्हीं अंतर्दृष्टियों  ने नागरिक समाज संगठनों के साथ नई पहल की नींव रखी। ‘रिपोर्ट करें, इसे साझा न करें’, क्योंकि ये संगठन ऑनलाइन बाल सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। 

नेहा धूपिया इस पहल का समर्थन कर रही हैं, जो इंस्टाग्राम पर एक समुदाय ‘फीड टू फीड’ चलाती है, जो महिलाओं के लिए स्तनपान के बारे में बोलने और इसके आसपास की चुनौतियों के बारे में एक खुला संवाद करने के लिए एक सुरक्षित स्थान है। हालांकि अब यह समुदाय पालन-पोषण के विविध पहलुओं पर भी चर्चा करने के लिए एक मंच के तौर पर विकसित हुआ है। नेहा कहती हैं, ‘मैंने ऐसा होते देखा है और यह सही नहीं है। हम परिणाम के बारे में सोचे बिना हमारे पास आने वाली सामग्री को साझा करते हैं, भले ही वह बाल शोषण से संबंधित सामग्री हो। यह हमारे आस-पास की नकारात्मक घटनाओं के बारे में लोगों को अधिक जागरूक करने का एक बेहतर तरीका हो सकता है, लेकिन इसका उस बच्चे पर प्रभाव पड़ता है जो इस तरह की सामग्री से संबंधित है। इसलिए आज फेसबुक के साथ साझेदारी के जरिए मैं जागरूकता फैलाना चाहता हूं कि जब आप ऐसी सामग्री देखते हैं, तो कृपया इसे साझा न करें, बल्कि इसकी रिपोर्ट करें!”

इस पहल की शुरुआत एक एनिमेटेड वीडियो के साथ हुई, जो उस नकारात्मक प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है जो बाल शोषण से संबंधित सामग्री की वजह से पैदा होता है। भले ही वह ऐसे कंटेंट क  निंदा करने के बारे में ही क्यों न हो। फेसबुक इंडिया की पॉलिसी प्रोग्राम्‍स एवं आउटरीच की हेड,  मधु सिरोही ने कहा, “हम फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक सुरक्षित और सहायक वातावरण को बढ़ावा देना चाहते हैं और हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। हम इस तरह की सामग्री को लोगों द्वारा देखे जाने से पहले ही पहचानने और हटाने के लिए लोगों और प्रौद्योगिकी में भारी निवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही हमारे प्लेटफॉर्म पर बाल दुर्व्यवहार सामग्री को देखे जाने के मामले में हम उचित व्यवहार के बारे में जागरूकता फैलाना चाहते हैं। इस पहल को संभव बनाने के लिए हम नेहा धूपिया, आरंभ इंडिया इनिशिएटिव, सायबर पीस फाउंडेशन और अर्पण के साथ अपनी साझेदारी के लिए आभारी हैं।’’

हाल ही में फेसबुक ने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों  को अपडेट करते हुए स्पष्ट किया है कि वह ऐसे फेसबुक प्रोफाइल, पेज, ग्रुप्स और इंस्टाग्राम अकाउंट को हटा देगा जो जो बच्चों की मासूम छवियों को कैप्शन, हैशटैग या टिप्पणियों के साथ साझा करते हैं और जिनमें चित्रित बच्चों की छवियों के बारे में स्नेह या टिप्पणी के अनुचित संकेत हैं। कंपनी ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ऐसे कंटेंट की रिपोर्टिंग के दायरे को व्यापक बनाते हुए “नग्नता और यौन गतिविधि” श्रेणी के तहत “इससे बच्चा जुड़ा हुआ है” (“involves a child”) जैसे विकल्प को जोड़ा है, ताकि उसकी बाल शोषण नीतियों का उल्लंघन करने वाली सामग्री की रिपोर्ट करना आसान हो सके।

ऐसे किसी कंटेंट को रिपोर्ट करने के लिए जिससे किसी बच्चे को जोखिम उठानी पड़ सकती है, 1908 पर कॉल करें और चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन को इसके बारे में जानकारी दें। अगर यह कंटेंट या सामग्री फेसबक और उससे संबंधित कंपनियों के एप्स पर हैं, जो इसे fb.me/onlinechildprotection पर जाकर रिपोर्ट किया जा सकता है।

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