फिल्म ‘नीचा नगर’ से Chetan Anand ने हिंदुस्तानी सिनेमा को विश्व में दिलाई थी पहचान

चेतन आनंद निर्देशत फिल्म नीचा नगर ने विश्व स्तर पर हिंदुस्तान सिनेमा को नई पहचान दी | कान्स फिल्म फेस्टीवल में ये फिल्म पुरस्कार जीतने में कामयाब रही थी

Chetan Anand Birthday Special: हिंदी सिनेमा को आज की पीढ़ी बॉलीवुड के नाम से जानती है | कहा ये जाता है कि बॉलीवुड शब्द का आविष्कार शायद बॉम्बे शब्द से ही आया होगा। वैसे ये बॉलीवुड के खोज की कहानी थी, लेकिन आज हम हिंदी सिनेमा की एक ऐसी शख्सियत से आपको रूबरू करवाएंगे, जिनके निर्देशन में बनी एक फिल्म 1946 में कान्स फिल्म फेस्टीवल का हिस्सा बन हिन्दुस्तानी सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई | जानते हैं वो महान फिल्म मेकर कौन थे, वो थे हिंदी सिनेमा के सदाबहार हीरो देव आनंद के बड़े भाई केतन आनंद, जिन्होने अपनी फिल्मी पारी का आग़ाज़ यू तो बतौर हीरो किया लेकिन उनकी दिलचस्पी फिल्मों के निर्माण में थी | केतन आनंद का जन्म 3 जनवरी 1921 को लाहौर में हुआ था |

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद केतन आनंद इतिहास पढ़ाने लगे और इस दौरान उन्होने राजा अशोक महान पर फिल्म बनाने के मकसद से एक स्क्रिप्ट लिखी |स्क्रिप्ट लेकर वो डायरेक्टर फणी मजमूदार से मिले लेकिन फणी मजमूदार ने चेतन आनंद को अपनी फिल्म राजकुमार में बतौर हीरो कास्ट कर लिया, जो 1944 में रिलीज हुई थी |फिल्म में हीरो बनकर चेतन आनंद का मन नहीं लगा और वो बाद में इप्टा से जुड़ गए |

इसके कुछ सालों बाद 1946 में चेतन आनंद ने नीचा नगर नाम की फिल्म बनाई..जिसका निर्देशन उन्होने खुद किया | इस फिल्म से ही कामिनी कौशल ने अपने अभिनय पारी की शुरूआत की थी |ये फिल्म समीक्षकों की सराहना के बाद 1946 में कान्स फिल्म फेस्टीवल में भी दिखाई गई , जहां से हिंदी सिनेमा को एक नई पहचान मिली | केतन आनंद अपनी पहली ही निर्देशित फिल्म से हिंदी सिनेमा में छाप छोड़ने में कामयाब रहे |इसके बाद उन्होने बतौर निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक के तौर पर कई शानदार फिल्में बनाई और अपने छोटे भाई देव आनंद को फिल्मों में आने का रास्ता साफ किया |

कुछ सालों बाद 50 के दशक में दोनों ने मिलकर नवकेतन फिल्म्स की स्थापना की | देव आनंद के साथ नवकेतन फिल्म्स के बैनर तले कई कामयाब फिल्में बनाने के बाद चेतन आनंद ने अपने भाई देव आनंद से अलग होकर हिमालया फिल्म्स की नींव रखी |

हिमालया फिल्म्स के बैनर तले चेतन आनंद ने संगीतकार मदन मोहन, गीतकार कैफी आज़मी और जय मिस्त्री के साथ अपनी टीम तैयार की | चेतन आनंद के बारे में ये भी कहा जाता है कि एक समय उनके पास फिल्म बनाने के लिए जरूरी पैसे नहीं थे | अभिनेता अन्नू कपूर ने अपने एक रेडियो शो में इस बात का जिक्र करते हुए कहते हैं कि ये घटना दिसंबर के आखिरी दिनों की है | क्रिसमस के बाद चेतन आनंद पैसे के लिए बहुत परेशान थे | उनकी पत्नी उमा एक टैक्सी में अपनी एक सहेली से मिली जो कि उस वक्त पंजाब के सीएम की रिश्तेदार थी | उमा की सहेली को जब चेतन की परेशानी का पता चला तब उसने ही चेतन को पंजाब के सीएम प्रताप सिंह कैरो से मिलने की बात कही और मीटिंग फिक्स करवा दी | चेतन आनंद जब पंजाब के सीएम से मुलाकात करने पहुंचे तो सीएम ने कुछ अलग ही डिमांड कर दी | बोले चेतन 1962 में चीन के साथ युध्द में पंजाब के बहुत से जवान शहीद हुए हैं | एक काम करो तुम इस युध्द को लेकर कोई फिल्म बनाओं | तो हम तुम्हारी बहुत मदद कर सकते हैं | एक काम करों, जितना जल्दी हो सके फिल्म की कहानी मुझे सुनाओ | इसके बाद चेतन आनंद ने तीन से चार दिनों में एक रफ स्क्रिप्ट तैयार की और पंजाब के सीएम के पास पहुंच गए |

सीएम को फिल्म की कहानी पसंद आ गई, फिर बोले इसे बनाने के लिए कितना पैसा लगेगा | इस पर चेतन बोले साहब युध्द को लेकर फिल्म बनानी है, कम से कम 10 लाख तो लग ही जाएंगे | 10 लाख सुनकर सीएम साहब कुछ देर सोचते रहे, लेकिन फिर उन्होने चेतन आनंद को 10 लाख का चेक बनवाकर थमा दिया और बोले जाओ, एक शानदार फिल्म बनाओ |

बताइए कहां चेतन को 25 हजार चाहिए थे, कहां 10 लाख मिल गए | इस पैसे से चेतन आनंद ने फिल्म हकीकत बनाई जो चीन युध्द पर आधारित थी | फिल्म में बलराज साहनी, संजय खान, प्रिया राजवंश जैसे कलाकार नजर आए | गीत कैफी आज़मी ने लिखे तो संगीत मदन मोहन ने दिया | 1964 में ये फिल्म रिलीज हुई |इस फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया | इसके गीत संगीत में आज भी उतनी ताजगी बरकरार है, बाद में इसी टीम के साथ केतन आनंद ने हीर रांझा, हस्ते ज़ख्म और हिंदुस्तान की कसम जैसी फिल्में बनाई |

चेतन आनंद को ही हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की खोज का श्रेय भी जाता है | चेतन आनंद का पारिवारिक जीवन कुछ सालों के बाद काफी कलह में बीता | पत्नी उमा आनंद को छोड़ने के बाद चेतन ने हकीकत की हीरोइन प्रिया राजवंश से शादी कर ली | जिससे परिवार में कलह पैदा हो गया | 76 साल की उम्र में 6 जुलाई 1997 को चेतन आनंद का निधन हो गया | चेतन आनंद भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं , लेकिन अपनी कालजयी फिल्मों के जरिए वो हमेशा याद किए जाते रहेंगे।

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