संगीत की दुनिया के बेताज बादशाह AR Rahman आज मना रहे हैं अपना जन्मदिन, पर रहमान कभी करना चाहते थे खुदकुशी

संगीत की दुनिया के बेताज बादशाह एआर रहमान आज अपना जन्मदिन मना रहे है। रहमान का शुमार उन कलाकारों में होता है, जिसने पूरे विश्व में अपने म्यूजिक की चमक बिखेरी है

AR Rahman Birthday: संगीतकार एआर रहमान, हिंदी सिनेमा का एक ऐसा नाम है, जिसकी चमक सात समंदर पार भी है।  रहमान के संगीत और मधुर आवाज़ का जादू बच्चे व बड़े हर किसी के सर चढ़कर बोलता है। संगीत का प्रकार चाहे सूफी हो या फिर फिल्मों का हो, हर तरह के संगीत में एआर रहमान का कोई शानी है। अपने उम्दा संगीत से रहमान संगीत के दीवानों के दिलों में राज करते हैं। 6 जनवरी 1967 को तमिलनाडु के चेन्नई में पैदा हुए रहमान आज अपना 55 वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहे हैं। बात अगर रहमान के बचपन के दिनों की करें तो इनके बचपन का नाम एएस दिलीप कुमार था। रहमान के पिता आरके शेखर साउथ सिनेमा में संगीत दे रहे थे, इसलिए रहमान को संगीत की समझ विरासत में मिली थी।

एआर रहमान की पढ़ाई के बारें में बात करें तो बताया जाता है कि वो पढ़ाई में बेहद ही कमजोर थे। वो अपनी क्लास के ऐसे बच्चे थे । जिनके हमेशा कम नंबर आया करते थे। हमेशा कम नंबर आने की वजह से एआर रहमान इतने परेशान हो गए कि उन्होंने सुसाइड करने का मन बना लिया था। बाद में परिवार में पैदा हुई परेशानियों और दूसरे कुछ वजहों से रहमान ने अपना धर्म चेंज कर इस्लाम धर्म को अपना लिया और इस तरह वो दिलीप से अल्लारखा रहमान बन गए।

अब चूकि पिता म्यूजिक कंपोज थे और घर पर ही कई म्यूजिकल यंत्र मौजूद थे, इसलिए रहमान ने छोटे छोटे जिंगल्स वगैरह बनाने शुरू किए और शुरूआती दौर में यहीं रहमान के परिवार का इनकम का जरिया था। एआर रहमान ने 1992 में फिल्म रोजा के जरिए सिनेमा में कदम रखा। रोजा के गीत संगीत और फिल्म को मिली जबरदस्त कामयाबी ने रहमान को रातोरात संगीत की दुनिया का सितारा बना दिया। रोजा में बेहतरीन संगीत के लिए रहमान को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा भी गया। इसके बाद से रहमान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इतना ही नहीं रहमान ने कई फिल्मों के गानों को अपनी आवाज़ भी दी है।

संगीत की दुनिया में मिली कामयाबी के बाद रहमान ने अपनी शादी के लिए लड़की ढूंढने का जिम्मा अपनी मां को दिया। रहमान के अपने इंटरव्यू में भी इस बात को शेयर करते हुए बताया है कि कामयाबी के बाद अब उन्हे लगा कि शादी कर लेनी चाहिए, तो फिल्मों में बिजी होने की वजह से मां को लड़की ढूंढने का जिम्मा दिया और शादी के लिए शर्त भी रख दी कि लड़की पढ़ी लिखी होनी चाहिए, संगीत की समझ भी होनी चाहिए और सबसे खास कि खूबसूरत भी होनी चाहिए। अब इतने सारे गुण एक ही लड़की में मिलना इतना आसान नहीं था लेकिन रहमान की मां ने वो लड़की ढूंढ ली और फिर रहमान की शादी 1995 में शायरा से करा दी। दोनों एक दूसरे को आज खूब प्यार करते हैं।

एआर रहमान के वर्क फ्रंट की बात करें तो रहमान न सिर्फ हिंदी सिनेमा बल्कि विश्व सिनेमा के भी कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत चुके हैं। जिसमें ऑस्कर भी शामिल है। उम्मीद यही है कि रहमान के संगीत और आवाज़ का जादू ऐसे ही बरकरार रहे।

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