Meena Kumari की मौत पर आखिर क्यों इस एक्ट्रेस ने कहा था Meena तुम्हे मौत मुबारक हो?

1 अगस्त 1933 को पैदा हुई मीना कुमारी ने बचपन से ही काम करना शुरू कर दिया था। बतौर बाल कलाकार मीना कुमारी बेबी मीना के नाम से काम करती थी। मीना कुमारी ने बतौर एक्ट्रेस फिल्म बैजू बावरा से कामयाबी हासिल की

Meena Kumari Death Anniversary: गुजरे जमाने की अदाकारा मीना कुमारी के बारे में आज की पीढी बमुश्किल से जानती होगी। मीना कुमार हिंदी सिनेमा की एक ऐसी अभिनेत्री रहीं हैं, जिन्होने बैजू बावरा से लेकर पाकीज़ा तक, कई बेमिसाल फिल्में अपने चाहने वालों को दी हैं। उनकी अदाकारी के दीवानों में खुद बड़े बड़े नायकों के नाम शामिल हैं। खुद अमिताभ बच्चन ने भी मीना कुमार की तारीफ में कहा था कि मीना कुमारी कितना बेहतर संवाद अदायगी कोई दूसरा नहीं कर सकता है। 1 अगस्त 1933 को पैदा हुई मीना कुमारी ने बचपन से ही काम करना शुरू कर दिया था। बतौर बाल कलाकार मीना कुमारी बेबी मीना के नाम से काम करती थी। मीना कुमारी ने बतौर एक्ट्रेस फिल्म बैजू बावरा से कामयाबी हासिल की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

एक्ट्रेस मीना कुमारी की डेथ एनिवर्सरी पर आइए उनकी जिंदगी के कुछ पन्ने पलटकर, उनकी लाइफ के बारे में कुछ जानने की कोशिश करते हैं। परदे पर बेहरतीन अदायगी और शोहरत की बुलंदी पर पहुंचकर मीना कुमारी के कद्रदान उस वक्त बहुत थे। अशोक कुमार से लेकर राजकुमार और यहां तक कि धर्मेंद्र का दिल भी एक समय मीना के लिए धड़कने लगा था, लेकिन मीना का दिल आया अपने से बहुत बड़े कमाल अमरोही पर, मीना ने पहले से ही दो शादियां कर चुके कमाल अमरोही से चुपके से शादी कर ली। शुरूआत तो अच्छी रही लेकिन कुछ ही महीनों बाद मीना की जिंदगी बद से बदत्तर होने लगी। कमाल और मीना के रिश्ते तेजी से बदलने लगे और मीना धीरे धीरे शराब के आगोश में समां गई।

कमाल के साथ उनका झगड़ा सभी को मालुम था शायद इसी लिए पाकीजा की शूटिंग में करीब एक दशक का समय लग गया। वो तो भला हो नरगिस और सुनील दत्त का, जिसने मीना को ये फिल्म पूरी करने के लिए कहा, मीना तैयार तो हो गई थी लेकिन उनकी हालात ऐसी नहीं थी कि वो पूरे दिन शूट कर सके। बाद में मीना के सिर्फ क्लोज शॉट ही शूट किए गए और लांग शॉट के लिए बॉडी डबल का इस्तेमाल किया गया। फिल्म रिलीज हुई और कामयाब भी हुई। लेकिन पाकीजा की कामयाबी को देखने के लिए मीना जिंदा नहीं रही।

पति कमाल के साथ बार बार झगड़े की वजह से लगातार शराब पीती मीना का लीवर खराब हो गया और 31 मार्च 1972 को वो इस दुनिया से चली गई। परदे और निजी जिंदगी में दोहरी लाइफ जीती मीना हिंदी सिनेमा की ट्रेजिडी क्वीन बन गई। जिनकी जिंदगी में कभी चैन नहीं मिला। पति की मार और ताने से कई बार मिसकैरेज हुआ। नन्ही सी माहजबी कब मीना बनी और कब इस दुनिया से चली गई। किसी को इसका अंदाज़ा ही नहीं था। लेकिन अपनी छोटी सी लाइफ से वो औरो के लिए बहुत कुछ सबक दे गई हैं।

मीना की मौत पर उनकी सबसे अच्छी सहेली व दोस्त या मीना जिन्हे प्यार से बाजी कहती थी, एक्ट्रेस नरगिस ने एक मैगजीन में मीना के लिए लिखा था, मीना तुम्हे मौत मुबारक हो, मैंने पहले कभी ऐसा नहीं कहा, आज तुम्हारी बाजी तुम्हे मौत पर मुबारक बाद दे रही है और चाहती है कि तुम अब कभी इस दुनिया में कदम न रखना क्योकि ये दुनिया तुम्हारे जैसों के लिए नहीं है। पति कमाल अमरोही की मौत के बाद उन्हे मीना की कब्र के पास ही दफनाया गया। ये कमाल की आखिरी ख्वाहिश थी।

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