Bollywood में Karan Johar के ताऊ ने शुरू किया था तलाक का ट्रेंड, Benazir Bhutto को दिया हीरोइन बनने का ऑफर

फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता व लेखक इंद्रसेन जौहर को हिंदी सिनेमा में आईएस जौहर के नाम से जाना जाता है। आईएस जौहर अपने अतरंगी मिजाज और कुछ भी करने की जिद की वजह से हमेशा मशहूर रहे हैं

I.S.Johar Birth Anniversary: फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता व लेखक इंद्रसेन जौहर को हिंदी सिनेमा में आईएस जौहर के नाम से जाना जाता है। आईएस जौहर अपने अतरंगी मिजाज और कुछ भी करने की जिद की वजह से हमेशा मशहूर रहे हैं। 16 फरवरी 1920 को पैदा हुए आईएस जौहर उस जमाने में काफी पढ़े लिखे इंसान थे, जो फिल्मों में आए थे। जौहर साहब को लिखने का बड़ा शौक था और वो लिखते भी बहुत अच्छा था, तभी तो आईएस जौहर को फिल्मों में ब्रेक उन्ही की लिखी स्क्रिप्ट से मिला। रूप के शौरी ने एक थी लड़की नाम की इस फिल्म का निर्देशन किया और मीना शौरी इसकी लीड हीरोइन थी। फिल्म की कामयाबी के बाद जहां आईएस जौहर की गाड़ी चल निकली, वहीं एक्ट्रेस मीना शौरी भी लारा लप्पा गर्ल के नाम से मशहूर हो गई। इस फिल्म में आईएस जौहर ने एक कॉमेडियन का रोल भी अदा किया था। जिसके लहजे को लोगों ने खूब पसंद किया था और फिर फिल्म को बनाने, अभिनय करने का ये सिलसिला 50 के दशक से जो शुरू हुआ वो 80 के दशक तक चलता रहा।

आईएस जौहर बड़े ही अतरंगी मिजाज के व्यक्ति थे। रिश्ते में आईएस जौहर करण जौहर के ताऊ लगते थे। आईएस जौहर के बाद करण जौहर के पिता यश जौहर ने फिल्म मेकिंग की विधा को आगे बढ़ाया और अब उसे करण जौहर संभाल रहे हैं। आईएस जौहर ने अपनी पहली शादी रामा बाइंस से की। बाद में इनसे दो बच्चे हुए। कुछ सालों बाद आईएस जौहर ने रामा को तलाक दे दिया। जानकारी के मुताबिक इस तरह समय समय पर आईएस जौहर ने कुल पांच शादियां की और पांचों को तलाक दे दिया। आईएस जौहर आजाद भारत में तलाक देने वाले पहले रजिस्टर्ड शख्स थे। कहते हैं कि इन्होने ही बॉलीवुड में तलाक देने का ट्रेंड सेट किया था। आईएस जौहर की अतरंगी मिजाज का इससे बड़ा उदाहरण क्या मिलेगा कि एक खुद के नाम पर बनी एक फिल्म के कामयाब होने के बाद अपने ही नाम से कई फिल्में बना दी। जिसमें जौहर महमूद इन गोवा,जौहर महमूद इन हांगकांग,जौहर इन बॉम्बे,जौहर इन कश्मीर और मेरा नाम जौहर। आईएस जौहर ने कॉमेडियन महमूद के साथ अपनी जोड़ी बनाई थी, जो कई फिल्मों में एक साथ नजर आए थे।

विभाजन की त्रासदी पर आधारित खुद की लिखी फिल्म नास्तिक बनाई। जो खूब चली। वो आईएस जौहर ही थे जिसने बीआर चोपड़ा को सफलता का मंत्र अपनी लिखी फिल्म अफसाना से दिया। आईएस जौहर के यहां ही यश चोपड़ा ने सहायक के तौर पर काम सीखा था। आईएस जौहर पॉलिटिक्स में भी रूचि रखते थे। एक बार तो भारत आई बेनजीर भुट्टों को जौहर साहब ने हीरोइन बनने का ऑफर भी दे दिया था लेकिन बेनजीर ने यह कहकर इनकार कर दिया था कि फिल्मों में उनका कोई इंटरेस्ट नहीं है। इतना ही नहीं आईएस जौहर हमेशा सरकार की पॉलिसियों के खिलाफ भी कई फिल्में बनाई हैं। जिसके लिए उनकी फिल्मों पर बैन भी कर दिया गया था। तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नसबंदी पॉलिसी पर फिल्म नसबंदी भी बनाई और इसके साथ ही जौहर महमूद इन गोवा और कश्मीर जैसी फिल्में बनाकर अपनी बात सबके सामने रखी थी।

आईएस जौहर मेनका गांधी की मैगजीन में आर्टिकल लिखते थे। फिल्म फेयर में भी उनका एक कॉलम हुआ करता था। इतना ही नहीं हॉलीवुड की कई फिल्मों में इन्होने काम किया था। इनकी लाइफ में एक घटना का जिक्र करना जरूरी है कि ये जुडवां भाई थे। इनका भाई दादागिरि का काम करता था। कभी कभी करता वो था और भरना इन्हे ही पड़ता था। फिल्मों में इनके कॉमिक टाइमिंग को देखते हुए लोग इन्हे इंडियन चार्ली चैपलिंग कहकर बुलाया करते थे। पर इन्हे चार्ली चैपलिंग बुलाना अच्छा नहीं लगता था।

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