एक हादसे ने बदल दी थी इस एक्ट्रेस की लाइफ, Bhagwan Dada की वजह से सपना रहा अधूरा

करीब 7 दशकों तक अपने अभिनय से लोगों का मनोरंजन करने वाली अदाकारा ललिता पवार को आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर याद कर रहे हैं। 18 अप्रैल 1926 को नाशिक में पैदा हुई ललिता पवार के बचपन का नाम अंबा लक्ष्मणराव सगुन था

Lalita Pawar Death Anniversary: करीब 7 दशकों तक अपने अभिनय से लोगों का मनोरंजन करने वाली अदाकारा ललिता पवार को आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर याद कर रहे हैं। 18 अप्रैल 1926 को नाशिक में पैदा हुई ललिता पवार के बचपन का नाम अंबा लक्ष्मणराव सगुन था, लेकिन सिनेमा स्क्रीन पर उन्हे ललिता पवार के नाम से जाना जाता था। ललिता पवार ने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। वो जब 9 साल की थी तभी उन्होने फिल्म राजा हरिश्चंद्र के जरिए अभिनय का पर्दापण किया था हालाकि ये दौर मूक फिल्मों का था। ललिता ने 1940 तक कई मूक फिल्मों में अभिनय किए।

ललिता पवार जैसे जैसे बड़ी होती गई,वैसे वैसे सिनेमा ने भी जब बोलना शुरू किया। समय के साथ तालमेल मिलाती ललिता ने फिर कई फिल्मों में लीड रोल निभाए और एक कामयाब हीरोइन बनने का ख्वाब देखने लगी लेकिन इससे पहले ललिता का ये सपना पूरा हो पाता, उनकी जिंदगी में मानो तूफान आ गया। ये 1942 का साल था जिसने ललित पवार की जिंदगी में कई बदलाव लाए। इसी साल वो फिल्म जंग-ए-आजादी की शूटिंग कर रही थी। जिसमें ललिता के साथ नये नवेले भगवान दादा काम कर रहे थे। ललिता और भगवान दादा का एक सीन फिल्माया जा रहा था। जिसमें भगवान दादा को एक थप्पड़ ललिता पवार को मारना रहता है। जब इस सीन की शूटिंग होने लगी तो भगवान दादा ने ललिता पवार को इतनी जोर से थप्पड़ मार दिया कि ललिता को ठीक होने में तीन साल लग गए।

दरअसल भगवान दादा ने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ मार दिया था कि उनके कान के परदे फट गए और बाई आंख की नस फट गई। ये हादसा इतना बड़ा साबित हुआ कि ललिता को फेसियिल पैरालिलिस का सामना भी करना पड़ा। इस हादसे से उबरने में ललिता को तीन साल लग गए। वो ठीक तो हो गई पर भगवान दादा के थप्पड का निशान उनके चेहरे पर हमेशा के लिए अंकित हो गया और उनकी बाई आंख पर चोट के निशान साफ दिखने लगे। इस वजह से ललिता पवार दोबारा लीड हीरोइन का रोल नहीं कर पाई।

इतने बड़े झटके के बावजूद ललिता पवार ने हार नहीं मानी फिर वो चरित्र किरदारों में नजर आने लगी। इन चरित्र किरदारों से ललिता पवार ने दर्शकों के दिल पर अलग छाप छोड़ी। ललिता पवार ने सिनेमा स्क्रीन पर दबंग सास का किरदार निभाने के अलावा मां के रोल्स भी निभाये खासकर राजकपूर की फिल्मों में तो ललिता के रोल्स काफी यादगार रहे हैं, जिन्हे हम कभी भूल नहीं पाएंगे। इसके अलावा रामानंद सागर की रामायण में ललिता पवार के द्वारा निभाया गया मंथरा का किरदार ललिता की वजह से अमर हो गया। ललिता का हीरोइन बनने का सपना भले ही नहीं पूरा हो पाया लेकिन चरित्र अभिनेत्री के तौर पर ललिता पवार ने दर्शकों के दिलों पर जो छाप छोड़ी है, उसकी कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

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