‘हम उस काबिल नहीं कि ग़ालिब को कुछ दे सके,’ जब Gulzar और Jagjit Singh ने Ghalib को लेकर कह दी थी बड़ी बात

गुलजार और जगजीत सिंह की ये फ्लैशबैक वीडियो की बातचीत आप लहरें पोडकास्ट यूट्यूब चैनल पर क्लिक करके देख सकते हैं

Gulzar & Jagjit Singh Unique Reaction To Mirza Ghalib: गीतकार, कवि व फिल्म मेकर गुलजार ने अपने चाहने वालों को कई शानदार रचनाएं दी हैं। तो वहीं कई बेहतरीन फिल्मों के जरिए अपने फिल्म मेकिंग प्रतिभा का लोहा भी मनवाया है। ठीक उसी तरह ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह ने अपनी ग़ज़लों की गायकी, गानों व संगीत के जरिए लोगों का दिल जीता है। जगजीत सिंह आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके गाने और ग़ज़लों को सुनकर आज भी लोग उन्हे याद करते हैं। गीतकार गुलजार और जगजीत सिंह जब भी साथ आए हैं। एक अलग तरह की रचनाएं अपने चाहने वालों को दी हैं। दोनों ने एक साथ कई एलबम्स किए हैं। इन्ही में से एक मशहूर एलबम है कोई बात चले। इस एलबम के प्रमोशन के मौके पर दोनों एक साथ रेडियो स्टेशन रेडियो सिटी आए थे और यहां मीडिया से दोनों से शुरूआती ग़जलों,आधुनिक ग़ज़लों,विभिन्न भाषाओं में ग़ज़लों का विकास व ग़ज़लकारों व रचयिताओं के बारे में विस्तार से बातें की थी।

लहरें अपने अर्काइव से गुलजार और जगजीत सिंह ये पुराना वीडियो लेकर आया है। जिसमें मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों ने कहा कि दोनों एक साथ तभी आते हैं। तब उनके पास कुछ अलग होता है। हालाकि इसमें सालों लग गए, लेकिन अगर साल को दिन मान लिया जाए, तो अभी पिछले हफ्ते की बात है। हम फिर हाजिर हो गए हैं। दोनों यहां कोई बात चले एलबम के प्रमोशन के सिलसिले में आए थे और बाद में मीडिया से दिल खोलकर बातें की। दोनों लीजेंड गुलजार और जगजीत सिंह की ये रोचक बातचीत आप लहरें पोडकास्ट यूट्यूब चैनल पर क्लिक करके देख सकते हैं। आधुनिक दौर में भारतीय शास्त्रीय संगीत या ग़ज़लों में इस्तेमाल किए जाने वाले इंस्ट्रूमेंट के बारे में भी बातचीत की है। जगजीत सिंह ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि वायलिन यहां का नहीं है। फिर भी हमारे संगीत में इसका बहुत इस्तेमाल किया जाता है। ठीक इसी तरह लोग हारमोनियम और हारमोनियम जैसा दिखने वाला अकॉर्डियन की धुनि में लोग अंतर नहीं कर पाते हैं।

ग़ज़ल हमेशा उदासी को दिखाती हैं जैसे मिथ पर बात करते हुए गीतकार गुलजार ने कहा ये साइकी है हमारी कि उदासी की बात देर तक रहती है। जबकि जगजीत सिंह ने कहा कि अब जमाना काफी बदल गया है। ग़ज़लें अब काफी बदल गई हैं। फिल्म में बढ़ते अंग्रेजी शब्दों के ज्यादा इस्तेमाल पर गुलजार ने कहा कि अब फिल्मों में इतने अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है कि हम लोग गानों में भी अंग्रेजी शब्द लेने के लिए मजबूर हो जाती हैं और कभी कभी तो लोगों को समझाने के लिए अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि स्केच शब्द का प्रयोग एक जगह किया गया है। अब स्केच को लोग जल्द समझ जाते हैं जबकि इसकी जगह अगर खाका लिखा जाए, तो लोगों की समझ में जल्दी नहीं आएगा।

आखिर में चलते चलते दोनों से जब ये पूछा गया कि जगजीत सिंह और गुलजार साहब, आप दोनों ने मिलकर गालिब को एक नया आयाम दिया है। इस पर गुलजार ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि हमने गालिब को क्या दिया है। कुछ नहीं। बल्कि गालिब से लिया है हमने। हम अब भी उस काबिल नहीं है कि गालिब को कुछ दे सके। उल्टा हमने उनसे काफी कुछ सीखा है। गुलजार और जगजीत सिंह के इस फ्लैशबैक इंटरव्यू को पूरा देखने के लिए आप लहरें पोडकास्ट यूट्यूब चैनल क्लिक कर सकते हैं।

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